बड़ी खबर,कुंभ से पहले दुर्गा दास गुट के मंसूबों पर फिरा पानी, हाई कोर्ट की डबल बैंच ने दिए ये आदेश, जानिए

हरिद्वार/ इलाहाबाद। श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाडे में संतो के बीच चल रहे विवाद में आज एक नया मोड़ आ गया है, हाई कोर्ट की डबल बेंच ने कुंभ मेले से पहले ही दुर्गादास गुट के मंसूबों पर पानी फेर दिया है, दरअसल ब्यास मुनि द्वारा अगरदास के खिलाफ एक हाई कोर्ट से स्टे लिया हुआ था ,जिसको लेकर महंत दुर्गादास गुट संतो के बीच इस बात को प्रचारित करते थे कि उन्हें हाई कोर्ट का स्टे प्राप्त है।

इसके खिलाफ अगरदास हाईकोर्ट की डबल बेंच में गए थे, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आदेश दिया है कि निचली अदालत 4 जुलाई 2024 तक इस मामले का निपटारा कर दे, इस आदेश के बाद जहां एक तरफ महंत रघुमुनि गुट में खुशी की लहर है वहीं दूसरी तरफ महंत दुर्गादास, महेश्वर दास और महंत अद्वतानंद के गुट में खलबली मच गई है,

महंत निर्मल दास महाराज ने बताया कि उक्त स्टे की आड़ में दुर्गादास गुट महंत रघुमुनि को टारगेट करके कुंभ मेला खराब करना चाह रहे थे, जिनके मंसूबों पर आज हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पानी फेर दिया है, निर्मल दास ने बताया कि दुर्गादास गुट द्वारा अखाड़े के लेटर पैड का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि उन्हें अधिकार नहीं है ,क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए दुर्गादास गुट अखाड़े के लेटर पैड को इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं ,निर्मल दास महाराज ने बताया कि तीनों महंत मिलकर संत समाज को भ्रमित कर रहे हैं और जो निर्णय ले रहे हैं वह गलत है, उन्होंने बताया कि कुंभ मेला पश्चिमी पंगत के महंत रघुमुनी महाराज जी का है और वही कुंभ मेले को करेंगे, तीनों महंतो के द्वारा लगातार किए जा रहे गलत कार्यों को लेकर क्रिमिनल मुकदमे भी दर्ज कराए जाएंगे, अगर आवश्यकता पड़ी तो अखाड़े में रिसीवर भी नियुक्त कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्री पंचायती अखाड़ा पंचायती व्यवस्था के हिसाब से ही चलेगा और तीनों महंतो की मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दे की महंत रघुमुनि महाराज को चिट फंड सोसाइटी सब रजिस्टार इलाहाबाद कोर्ट से स्टे मिला हुआ है और सब रजिस्टार कोर्ट द्वारा दुर्गादास गुट द्वारा की गई एक तरफा कार्रवाई को अवैध घोषित कर दिया था, रघुमुनि महाराज अखाड़े के महंत  हैं , पश्चिमी पंगत के  महंत होने के नाते कुंभ मेला करने का उनके पास ही अधिकार प्राप्त है, अन्य तीनों महंत कुंभ मेला नहीं कर सकते हैं।

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