श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से राजा परीक्षित को हुई थी मोक्ष की प्राप्ति -कथा व्यास पंडित पवन कृष्ण शास्त्री।

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में श्री परशुराम घाट गोविंदपुरी हरिद्वार में नवरात्रि के पावन अवसर पर नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के अष्टम दिवस की कथा का श्रवण कराते हुए कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री जी ने श्रीमद् देवी भागवत महापुराण का सार श्रवण कराते हुए बताया श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में 12 स्कंध है 318 अध्याय हैं एवं 18000 श्लोक हैं
शास्त्री जी ने बताया जब श्रृंगी ऋषि के श्राप द्वारा तक्षक सर्प के डसने से राजा परीक्षित की मृत्यु हुई परीक्षित के पुत्र जन्मेजय को बहुत ही दु:ख हुआ कि मेरे पिता को अधोगति नरक यातना भोगनी पड़ेगी उसी समय पुराणों के शास्त्रों के रचयिता वेदव्यास जी महाराज ने जन्मेजय को श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण कराया जिस श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण करने से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई।
शास्त्री जी ने बताया कि देवी भागवत महापुराण में देवी मैया के सुंदर-सुंदर चरित्रों का वर्णन है जिसमें मां भगवती चंड-मुंड, महिषासुर, रक्तबीज, धूम्रलोचन, मधु-कैटभ आदि राक्षसों का का संघार करने के लिए इस धरा पर अनेकों अनेकों रूप में होती हैं एवं राक्षसों का संहार करती हैं
भगवती भक्तों के कल्याण के लिए गायत्री, सावित्री, महालक्ष्मी, मां सरस्वती, मां गंगा, मां काली, मां दुर्गा एवं अनेकों अनेक रूप में प्रकट होकर के भक्तों की हर एक मनोकामना को पूर्ण करती है। शास्त्री जी ने बताया विशेष रूप से नवरात्रि के पावन दिनों में मां भगवती की आराधना उपासना की जाती है मां भगवती प्रसन्न होकर के भक्तों की समस्त मनोकामना को पूर्ण कर देती है।

पंडित अधीर कौशिक जी ने बताया कि श्री परशुराम अखाड़े के तत्वाधान में इस वर्ष नवरात्रि के इस पावन अवसर पर श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन बड़े ही धूमधाम के साथ किया गया है एवं सभी भक्तों ने इसमें बढ़-चढ़कर के भाग लिया है आगे भी समय-समय पर सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए श्री अखंड परशुराम अखाड़ा द्वारा देवी भागवत श्रीमद् भागवत, राम कथा, शिव कथा ऐसे सुंदर सुंदर आयोजन आप सभी के सहयोग से किए जाएंगे। पहले समय में गुरुकुल में जाकर के शास्त्रों के शिक्षा ली जाती थी, परंतु आज वर्तमान समय पर कहीं भी किसी स्थान पर शास्त्रों के शिक्षा नहीं दी जाती है आप कल्याण के लिए शास्त्रों का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है, इसलिए इस वर्तमान समय पर कथाओं के माध्यम से ही हमें शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त हो सकता है, प्रत्येक व्यक्ति को समय-समय पर ऐसे आयोजन करवाते रहने चाहिए।

इस पावन अवसर पर रविकांत शर्मा, पंडित यशपाल शर्मा, विष्णु शर्मा, अरुणा शर्मा, सार्थक शर्मा, पंडित सतीश तिवारी, पंडित मोहित सेमवाल, पंडित आकाश बर्तवाल, रामकुमार शर्मा, कुलदीप शर्मा, आदि ने मां भगवती का पूजन किया एवं मुख्य अतिथि महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव स्वामी रविंद्र पुरी जी महाराज, श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के संरक्षक बाबा हठयोगी जी, महाराज जी चेतन ज्योति आश्रम के संजय महंत, स्वामीदुर्गा दास, वरिष्ठ समाजसेवी कन्हैया खेवड़िया, विशाल सिखोला, रवि जैन, समाजसेवी डॉक्टर विशाल गर्ग,
पूर्व चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी, वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, विनोद शर्मा, प्रमोद शर्मा, जलज कौशिक, राकेश शर्मा, शशीकांत शर्मा, राकेश कुमार, सोमपाल कश्यप, सचिन कौशिक, विष्णु कौशिक, हर्ष, पंडित आचार्य सतीश शर्मा, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. सुमित अग्रवाल, सोनिया कौशिक, सरोज शर्मा, सुषमा शर्मा, रिया कौशिक, बबीता शर्मा, रोहित शर्मा, सत्यम शर्माजी आदि ने श्रीमद् देवी भागवत पुराण का व्यास पीठ का पूजन किया…..

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