पंडित नारायण दत्त तिवारी के नाम के बिना उत्तराखण्ड की कल्पना नही -दीपा जोशी।

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। पंडित नारायण दत्त तिवारी एक ऐसा नाम है जिसके बिना उत्तराखंड की राजनीति और देश की राजनीति दोनों की कल्पना नहीं की जा सकती है। वह उत्तराखण्ड के विकास पुरुष थे यह विचार संस्था की अध्यक्ष दीपा जोशी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नारायण दत्त तिवारी का न केवल जन्मदिन है बल्कि उनकी पुण्यतिथि भी है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कांग्रेसी या बीजेपी उनको अपना आदर्श मानने वाले लोग उन्हें याद कर रहे हैं। हरिद्वार के राष्ट्रीय जवाहरलाल नेहरू युवा केंद्र में भी उनको याद किया गया। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केंद्र हरिद्वार की अध्यक्षा दीपा जोशी ने नेहरू युवा केंद्र से जुड़े लोगों व सदस्यो के साथ हवन और पूजा पाठ किया और उनको याद किया, इतना ही नहीं उन्हें उस जमाने में अपना आदर्श मानने वाले लोगों ने भी हवन में आहुति देकर उनका जन्मदिन व निर्वांण दिवस मनाया।

दीपा जोशी ने बताया कि पंडित नारायण दत्त तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को हुआ था और उनकी मृत्यु भी 18 अक्टूबर को ही हुई। नारायण दत्त तिवारी का राजनीतिक सफर करीब 05 दशक तक रहा। उनके नाम ऐसी उपलब्धियां दर्ज हैं जो शायद ही किसी राजनेता के नाम दर्ज हों। भारत सरकार में अन्य पदों पर रहे तिवारी भारतीय राजनीति के साथ-साथ विदेश राजनीति और कूटनीति में भी माहिर थे। तिवारी दो अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी रहे। वर्ष 2002- 2007 तक तिवारी उत्तराखंड में मुख्यमंत्री रहे।

इस मौक़े पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करने वालो में मुख्य रूप से सुखवीर सिंह, पदम प्रकाश शर्मा, डॉ. हिमांशु द्विवेदी, अंजू द्विवेदी, अरुण शर्मा, ओ.पी. चौहान, संजय जोशी, गोपाल जोशी, शिव दत्त, नितिन, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के सभी सदस्यों की ओर से समिति के मार्गदर्शक सुभाष घई तथा उपाध्यक्ष मुरली मनोहर आदि शामिल हुए।

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