देवस्थानम बोर्ड रद्द करने की मांग को लेकर 22 महीनों से चल रहा गतिरोध हुआ खत्म, मुख्यमंत्री से वार्ता में क्या हुआ तय जानिये…
सुमित यशकल्याण।
देहरादून। राज्य सरकार व चारों धामों के बीच पिछले 22 महीनों से चला रहा गतिरोध शनिवार को दोनों पक्षों की बातचीत के बाद टूट गया है। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद चारों धामों में चल रहा धरना एवं प्रदर्शन 30 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमिटी में चारों धामों के 08 तीर्थ पुरोहितों को बतौर सदस्य शामिल किया है। चारों धामों की ओर से अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल, सुरेश सेमवाल, पुरुषोत्तम उनियाल, विनोद शुक्ला एवं उमेश सती ने अपना पक्ष रखा।
मुख्यमंत्री आवास पर पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चारों धामों के तीर्थ पुरोहित एवं हाथों के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें मुख्यमंत्री के देवस्थानम बोर्ड पर सकारात्मक आश्वासन दिए जाने के बाद पिछले कई दिनों से चारों धामों में चल रहा धरना-प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है।
प्रेस को जारी बयान में चार धाम महापंयत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हाई पावर कमेटी में 08 सदस्यों को रखे जाने की घोषणा की है। इसमें चारों धामों के दो तीर्थ पुरोहित बतौर सदस्य हाई पावर कमेटी में रहेंगे। प्रवक्ता डॉक्टर बृजेश सती ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे किसी के भी दबाव में न आएं तथा उनके द्वारा जो आश्वासन दिया गया है उस पर ही विश्वास करें।
चार धाम महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल के नेतृत्व में चारो धाम के तीर्थ पुरोहितों व हकहकूकधारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
इस मौके पर यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवा, पूर्व अध्यक्ष संजीव सेमवा, ब्रहमकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत के अध्यक्ष उमेश सती, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण जुगरान, हरीश डिमरी, महेश सेमवाल, अनुरूद, उनियाल लखन उनिया, राजेश सेमवाल, श्याम पंचपुरी, राहुल आदि शामिल थे।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, गणेश जोशी के अलावा देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन, धर्मस्व सचिव के अलावा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी भी उपस्थित थे।