सावन और भादो के महीने में खाने-पीने का रखें विशेष ख्याल, नहीं तो हो जाओगे बीमार, क्या खाएं और क्या ना खाएं, जानें

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। सावन और भादो के महीने में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। इन 02 महीनों में इन खाद्य पदार्थों का खाना वर्जित बताया गया है, जिसकी वजह से आपके शरीर को नुकसान हो सकता है। कनखल के प्रसिद्ध वैद्य दीपक कुमार बता रहे हैं कि सावन और भादो के महीने में क्या खाएं और क्या ना खाएं।

  1. दूध, दही लस्सी न लें।
  2. हरे पत्ते वाली सब्ज़ी न खाएँ।
  3. रसदार फल न लें। आम न खाएँ।
  4. बैंगन, लौकी न खाएँ।
  5. गाजर, मूली, चुकंदर, ककड़ी, खीरा न खाएँ।
  6. बाजार से फ़ास्ट फ़ूड न खाएँ।
  7. मिठाईयां न खाएँ।
  8. किसी प्रकार का माँस व मदिरा न लें।
  9. तेज़ खट्टा न खाएँ।
  10. ठंडी व बासी चीज़ न खाएँ।
  11. आइसक्रीम एवं कोल्ड ड्रिंक का सेवन ना करें।

फिर क्या खाएं…

  1. पनीर, मटर की सब्ज़ी, दालें सभी खा सकते हैं।
  2. गाजर टमाटर का सूप।
  3. अदरक, प्याज़, लहसुन।
  4. सेब, अनानास, बेल, फल, नारियल।
  5. बेकरी व भुजिया प्रोडक्ट्स।
  6. जलेबी, थोड़ा गर्म गुलाब जामुन व हलवा।
  7. बेसन का ज़्यादा प्रयोग करें।
  8. पानी उबाल कर, ताज़ा कर के पीएँ।
  9. हल्दी वाला गर्म दूध ले सकते हैं।
  10. देसी चाय ले सकते हैं। ब्राह्मी चाय या इम्यूनिटी चाय का सेवन इस मौसम में बहुत ही चमत्कारिक लाभ दिखाता है।
  11. विटामिन सी से युक्त आंवले से भरपूर रसायनप्राश का सेवन भी ऐसे मौसम में बहुत लाभ देता है।
  12. ध्यान रखें इन दो महीनों व वर्षा ऋतु में ज्ठराग्नि (पाचन शक्ति) कमज़ोर व मंद होती है। इसलिए वात पित् व कफ रोग बढ़ जाता है। इस ऋतु में वर्षा के कारण जलवायु में कई प्रकार के विषाक्त कीटाणुओं का सब्ज़ियों व फलों पर व ठंडे पेय पदार्थों पर हमला हो जाता है जो कि मनुष्य, पशु, जानवरों, पंछियों व पानी में रहने वाले जीवों को भी नुक्सान करता है इसलिए पानी भी उबाल कर पीएँ।
    तलाब व खड़े पानी व नदी दरिया के पानी में न नहाएँ। अगर नहाना पड़ जाए तो बाद में नीम् युक्त साबुन से नहाएँ नहीं तो पित रोग का ख़तरा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!