पर्यटक नगरी पर आवारा मवेशियों का कब्जा, छावनी परिषद बेसुध, जनता लाचार…

रानीखेत। पर्यटक नगरी रानीखेत पर पिछले कई महीनों से आवारा मवेशियों ने कब्जा जमा रखा है। नगर के केमू स्टेशन से मुख्य बाजार में सुबह से देर रात्रि तक झुंड बनाकर बेख़ौफ़ घूम रहे इन आवारा मवेशियों को लेकर जिम्मेदार छावनी परिषद बेसुध सा पड़ा हुआ है। जहाँ एक ओर मुख्य पर्यटक सीजन के कारण हज़ारों सैलानी प्रतिदिन रानीखेत की सुरम्य वादियों का लुत्फ लेने आ रहे है वहीं इन लोगों का स्वागत सबसे पहले आवारा आक्रामक इन मवेशियों एवं इनके द्वारा जगह जगह शहर के बीचों बीच फैलाई गई अपार गंदगी से होता है। ये आवारा मवेशी इतने बेख़ौफ़ हो चुके हैं कि सड़क चलते किसी भी राहगीर पर जानलेवा हमला कर देवराहे हैं। जिससे लोगों में भय का माहौल व्याप्त है। स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि दर्जनों बार वह पिछले लंबे समय से छावनी परिषद रानीखेत के जिम्मेदार अधिकारोयों के पास इस विकट समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन जनता की लाचारी का मजा लेते ये जिम्मेदार अधिकारी बेसुध से पड़े हुए हैं, कोई सुधलेवा नहीं है। प्रशासन के अधिकारी भी दिन भर इन्ही सड़कों से अपनी लग्जरी गाड़ियों से होकर निकलते हैं, लेकिन जनता की सुनने वाला कोई नहीं है। पूरे नगर पर कब्जा जमाए यह आवारा मवेशी अब इतने आक्रामक हो चुके हैं कि कहीं भी किसी भी व्यवसायी की दुकान में घुसकर हमला कर दे रहे हैं। पिछले दिनों एक सर्राफा कारोबारी, सरस्वती स्कूल के एक कर्मचारी पर जानलेवा हमला, भाजपा मीडिया प्रभारी रामेश्वर गोयल पर उनके संस्थान के बाहर हमला, एक दिन पूर्व ही घंटी बंधी हुई गे ने बीच बाज़ार एक बुजुर्ग पर जानलेवा हमला कर दिया क़िस्मत से वह बाल बाल बच गए। ऐसे दर्जनों उदाहरण अभी तक देखने को मिल चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके छावनी परिषद के अधिकारी एवं प्रशासन लगता है किसी बड़ी अनहोनी के बाद हो अपनी कुंभकर्णी नींद से जागेंगे। जनता बदहाल है जिम्मेदार अधिकारी बेसुध। ऐसे में इस समस्या का समाधान अतिशीघ्र ना होने पर परेशान नागरिकों ने अब जल्दी ही सड़क पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दे दी है।

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