कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ श्रीमदभागवत कथा का शुभारम्भ
बित्थड़ (रानीखेत)। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ के लिए श्रीराधाबल्लभ परिवार द्वारा आयोजित भव्य मंगल कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा में परिवार समेत पूरे गांव से महिलाएं शामिल हुई। कलश यात्रा गृह प्रांगण से शुरू होते हुए गांव की पगडंडियों से होते हुए सिद्धिदात्री मंदिर, धूणी में पहुंची। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद उसी मार्ग से होते हुए गृह प्रांगण के कथा पंडाल स्थल पर पहुंची।
कलश यात्रा के पश्चात सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। इस दौरान प्रख्यात कथा वाचक पं0 भगवत चन्द्र जोशी जी ने कहा कि जब जन्म जन्मांतर एवं युग युगान्तर में जब पुण्य का उदय होता है तब प्राणी को सत्संग व कथा सुनने को मिलता है। कथा श्रवण से ही विवेक की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि श्रीमदभागवत कथा अमृतपान करने से सम्पूर्ण पापों का नाश होता है। कथा व्यास पं0 भगवत चन्द्र जोशी ने बताया कि माता-पिता, गुरूजनों, व बड़ों की सेवा करने से ही शरीर पवित्र होता है। ठीक उसी प्रकार धन पवित्र होता है भगवान का नाम लेने से। बिना भगवान का नाम लिये कमाया हुआ धन भी व्यर्थ होता है। उसकी पवित्रता के लिए धन का दान जरूर करना चाहिए। भगवान का नाम लेने से ही वाणी भी पवित्र होती है। कथा शुरू करने से पूर्व वाणी की शुद्धता के लिए सभी भक्तों ने भगवान का भजन गाया। उन्होंने बताया कि मनुष्य योेनि में जन्म ही बहुत दुर्लभ होता है। ब्राह्मण कुल में जन्म लेना और भी दुर्लभ होता है। मनुष्य का शरीर ही मिट्टी का खिलौना है, इसलिए सद्कर्म हमेशा करते रहना चाहिए। मनुष्य जन्म में सेवाभाव को प्रमुखता देनी चाहिए। माता-पिता, सास-ससुर की सेवा नहीं करने से अगले जन्म में पशुयोनि की प्राप्ति होती है। इसलिए कथा प्रेमियों के पास बहुत अच्छा मौका है कि कथा सुनने व उसका अनुश्रवण भी करें। बहुत ही सुन्दर कलश यात्रा के लिए पाण्डेय परिवार समेत पूरे बित्थड़ गांव को कथा व्यास ने धन्यवाद दिया।
इससे पूर्व हनुमानजी की पूजा व चालीसा से कथा का शुभारम्भ किया गया।
इस मौके पर कथा व्यास पीठ से कथा व्यास पं0 भगवत चन्द्र जोशी, कैलाश चन्द्र जोशी, सांवरिया जोशी, राजेश जोशी, हेमचन्द्र पाण्डेय, पं0 कौस्तुभानन्द बिष्ट मौजूद थे।
इस मौके पर परिवार की ओर से जयबल्लभ पाण्डेय, मोहन चन्द्र पाण्डेय, सुरेश चन्द्र पाण्डेय, किशन चन्द्र पाण्डेय, दिनेश पाण्डेय, गोपाल पाण्डेय, भुवन उर्फ शंकर, गणेश, हरीश पाण्डेय, प्रकाश पाण्डेय, केबी पाण्डेय उर्फ पप्पू, दीप चन्द्र पाण्डेय, राजू पाण्डेय, नवीन पाण्डेय, शुभम पाण्डेय, रमेश जोशी, नितिन जोशी एवं गांव से मोहन चन्द्र पाण्डेय, रमेश पाण्डेय, महेन्द्र पाण्डेय समेत तमाम लोग व मातृशक्ति उपस्थित थी।