गुरूकुल में हर्बल धूप पर रिसर्च, बैक्टीरिया, वायरस और फंगस का खात्मा…

हरिद्वार। भारत सरकार के साइंस एण्ड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड एसईआरबी के सांइटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी कार्यक्रम के तहत गुरूकुल कांगड़ी विवि में आयोजित वर्कशॉप में हर्बल धूप बनाने और उसके व्यापक प्रभावों से रिसर्च स्कालरर्स को रूबरू कराया गया। प्रो. नवनीत के निर्देशन में रिसर्च करने वाले विकास राणा ने जड़ी बूटियों से तैयार हर्बल धूप का प्रदर्शन किया जिसका धुंआ हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस को रोकने व खत्म करने में कारगर सिद्ध हुआ है। इस धूप में एंटी माइक्रोबियल और एंटी वायरल कम्पाउण्ड पाये गये। वर्कशॉप और रिसर्च में सहयोगी संस्था प्रभा इंडस्ट्रीज ने छात्रों की इस विषयक जिज्ञासाओं का समाधान किया। वर्कशॉप गुरूकुल कांगड़ी विवि के सेमिनार हॉल में आयोजित की गयी थी।
गुरूकुूल कांगड़ी विवि के माइक्रोबायोलोजी विभाग के सेमिनार हॉल में आयोजित वर्कशॉप में विभागाध्यक्ष प्रो. मुकेश कुमार, प्रो. नवनीत के निर्देशन में रिसर्च करने वाले विकास राणा तथा प्रभा इंडस्ट्रीज के प्रदीप गर्ग ने स्वयं रिसर्च स्कालर व छात्रों को हर्बल धूप को बनाकर दिखाया। प्रभा इंडस्ट्रीज के सहयोग से बनी हर्बल धूप के लिए चंदन, गुग्गल व लोबान समेत कई जड़ी बूटियों को एकत्र कर उससे धूप बनायी गयी तथा उसका परीक्षण किया गया। प्रो.डॉ.नवनीत ने बताया कि इस धूप को जलाने के बाद वातावरण में बैक्टीरिया, वायरस, फंगस की मात्रा और संख्या में काफी कमी पायी गयी। ये परिणाम समाज को स्वस्थ बनाने में सहयोगी साबित होंगे। पर्यावरण प्रदूषण के वर्तमान दौर में यह रिसर्च बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
उपस्थित रिसर्च स्कालर, छात्रों और प्रोफेसर ने भी इस कार्य में स्वयं प्रतिभाग किया। हर्बल धूप के निर्माण के बाद उसमें प्रयुक्त जड़ी बूटियों के सांइटिफिक गुण धर्म पर प्रकाश डाला तो प्रदीप गर्ग ने जड़ी बूटियों से निर्मित इस धूप के मानव जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों का विस्तार से वर्णन किया।
वर्कशॉप को संबोधित करते हुए माइक्रोबॉयोलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मुकेश कुमार ने कहा कि गुरूकुल कांगड़ी विवि में समाजोपयोगी विषयों पर गहन अध्ययन और रिसर्च का काम गति पर है। यहां पौधों, शैवाल और वृक्षों पर अध्ययन के साथ गुरूकुल पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने पर भी काम कर रहा है। इस विषयक रिसर्च के बेहतर परिणाम सामने आये हैं। कहा कि मानव में होने वाले विभिन्न इंफेक्शन, सौन्दर्य उत्पादों और हर्बल धूप अगरबत्ती व हवन सामग्री पर गुरूकुल में रिसर्च का काम लगातार चल रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं।
वर्कशॉप की सहयोगी संस्था प्रभा इंडस्ट्रीज के प्रमुख प्रदीप गर्ग ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण के चलते स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आज की चुनौती बन कर उभरी हैं। रिसर्च पर आधारित शुद्ध हर्बल धूप व हवन सामग्री का निर्माण तथा समाज में उसके प्रयोग से हम पर्यावरण प्रदूषण को मात दे सकते हैं। रिसर्च करने वाले छात्रों को हर्बल धूप मेकिंग प्रोसेस व उससे संबंधित फायदे गिनाते हुए कहा कि गुरूकुल कांगड़ी विवि का कार्य अनुकरणीय है।
डॉ. विनीत कुमार विश्नोई और डॉ. चिरंजीवी बैनर्जी ने कहा कि गुरूकुल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतरीन कार्य कर रहा है। रिसर्च बेस उत्पादों से समाज को स्वास्थ्य संबंधी फायदे होगे, जो आज की जरूरत हैं।
डॉ. चिरंजीवी बैनर्जी, डॉ. कार्तिकेय गुप्ता, डॉ. हरीश कुमार आदि उपस्थित थे। रिसर्च स्कालर विकास राणा, राकेश नेगी, आराधना चौहान, कनिका, रूचि, चेतना, शगुन, शिवम के साथ दर्जनों छात्रों ने वर्कशाप मे शिरकत की।

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