संस्कृत के शिक्षकों और छात्रों की समस्याओं का जल्दी ही किया जाएगा निस्तारण -डॉ. धन सिंह रावत।

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में संस्कृत शिक्षा के उत्थान के लिए राज्य सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, उन्होंने कहा कि संस्कृत के शिक्षकों और छात्रों की समस्याओं का जल्दी ही निस्तारण किया जाएगा और किसी भी संस्कृत विद्यालय को बंद नहीं होने दिया जाएगा। संस्कृत विद्यालयों की समस्याओं के निदान के लिए शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने 05 सदस्यों की एक कमेटी बनाने की घोषणा की, इस कमेटी के अध्यक्ष संस्कृत शिक्षा के निदेशक तथा उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय के कुलपति और संस्कृत विद्यालयों की प्रबंध समिति के 03 सदस्य होंगे। यह समिति जल्द ही संस्कृत विद्यालयों के सभी शिक्षकों और प्रबंध समिति के सदस्यों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करेगी और नई संस्कृत शिक्षा नियमावली को तैयार करेगी।

डॉ. धन सिंह रावत गुरुवार को निर्धन निकेतन भूपतवाला हरिद्वार में पत्रकारों से बात कर रहे थे। निर्धन निकेतन में उत्तराखंड संस्कृत विद्यालयों के प्रबंधकों और शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का जोरदार स्वागत किया। डॉक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि हम उत्तराखंड में जल्दी ही महाभारत-रामायण सभी वेदों पुराणों वैदिक गणित तथा अन्य प्राचीन विषयों के अध्ययन के साथ-साथ उत्तराखंड की क्षेत्रीय बोलियों कुमाऊं, गढ़वाल और जौनसार के अध्ययन और शिक्षण की व्यवस्था भी कर रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करके स्वागत योग्य कदम उठाया है, साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के उन्नयन यथोचित कदम उठाएगी। स्वागत समारोह की अध्यक्षता श्री निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने की।

इस अवसर पर निर्धन निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषि राम कृष्ण महाराज, नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, कोठारी महंत जसविंदर सिंह, महंत रघुवीर दास महाराज, डॉ. पदम प्रकाश सुवैदी, डॉक्टर ओम प्रकाश भट्ट, डॉक्टर भारत नंदन चौबे, संत भगवत स्वरूप महाराज, डॉ. राम भूषण बिजवाड़, डॉ. कुलदीप पंत, उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय के कुलपति डॉ. देवी प्रसाद त्रिपाठी, उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. शिव प्रसाद खाली आदि ने अपने विचार रखें। इस अवसर पर हरिद्वार जनपद के समस्त संस्कृत विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मनोज कुमार एवं कुलदीप पंत ने किया। अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया।

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