22 फरवरी 2025 को सतीघाट कनखल पर होगा पाकिस्तान से आए 400 हिन्दू सिख भाईयो के आस्था के फूल का विसर्जन…

हरिद्वार/ नई दिल्ली। श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.) व पुण्यदायी अभियान सेवा समिति न्यास, उत्तराखंड के संयुक्त तत्वावधान में पाकिस्तान के कराची शहर स्थित श्मशान घाट में पिछले करीब 09 वर्षों से रखे करीब 400 हिन्दू सिख भाईयो के अस्थि कलशों को ससम्मान भारत-पाक सीमा के अट्टारी बार्डर से लाकर दिल्ली के प्राचीन निगम बोध घाट पर रखा गया है। जहां बडी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल सभा और निगम बोध घाट संचालन समिति के प्रमुख सुमन कुमार गुप्ता ने पूरे विधि-विधान से इन्हें संग्रहित कर रखा है। अट्टारी बार्डर पर ये सभी अस्थि कलश पाकिस्तान के कराची शहर स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर महंत रामनाथ महाराज ने समिति के राष्ट्रीय महामंत्री एवं यात्रा संयोजक विजय शर्मा को सौंपे। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल नरेन्द्र ने बताया कि पाकिस्तान से तीसरी बार ये अस्थि कलश भारत आए हैं, वर्ष 2011 में 135 और 2016 में 160 लोगों के अस्थि कलशों को भी समिति ससम्मान विसर्जित कर चुकी हैं, उन्होंने बताया कि इस बार भी 24वीं विशेष अस्थि कलश विसर्जन यात्रा का आयोजन 21 फरवरी 2025 शुक्रवार को किया जाएगा, जिसमें देवो के देव महादेव के श्रीचरणों में एक विशाल रथ में इन सभी अस्थि कलशों को रखा जाएगा। बैंड-बाजो के साथ इनकी रवानगी होगी। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री एवं यात्रा संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि यात्रा सुबह 9:00 बजे से 10:00 बजे तक शहीदी पार्क, आईटीओ, नई दिल्ली से गणमान्य राजनेताओं और नागरिकों द्वारा पुष्पांजलि कर रवाना होगी और अगले दिन 22 फरवरी 2025 को दोपहर 1:00 बजे हमारी सहयोगी संस्था पुण्यदायी अभियान सेवा समिति न्यास के प्रमुख रवीन्द्र गोयल व उनके सहयोगियों द्वारा 100 किलो दूध की धारा के साथ वैदिक रीति से विसर्जन किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान के कराची शहर स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंतश्री रामनाथ महाराज को केवल प्रयाग और हरिद्वार का वीजा मिला था, इस कारण महाराज हरिद्वार से यात्रा में शामिल होकर सभी 400 अस्थि कलशों को विसर्जित करेंगे। संगठन मंत्री दीपक गुप्ता ने बताया, कि राजधानी दिल्ली में पुष्पांजलि करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री व अन्य राजनेताओं को आग्रह किया गया है कि वे यथासमय निकाल कर पाकिस्तान से आए आस्था के फूलों पर पुष्पांजलि अर्पित करने अवश्य पधारें।

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