उल्लास के साथ हुआ सम्पन्न देसंविवि का छठवां दीक्षांत समारोह, मनुष्य जीवन का लक्ष्य बताता है देसंविवि -श्री बिरला।

हरिद्वार। पीपीपी देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज का छठवां दीक्षांत समारोह सानंद सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिडला जी एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या जी ने २६६१ विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान कीं। इसमें सन् २०१७ से २०२२ तक के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट के विभिन्न पाठ्यक्रमों के उत्तीर्ण विद्यार्थी हैं। इनमें पीएचडी के ७२, पोस्ट ग्रेजुएट के ९४१, ग्रेजुएट ११५७, डिप्लोमा के १८७, सर्टिफिकेट कोर्स के ३०४ युवा शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि देसंविवि के छठवें दीक्षांत समारोह में डिर्ग्री पाने वाले युवाओं में ६० प्रतिशत से अधिक छात्राएँ हैं। इससे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एवं कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या, कुलपति श्री शरद पारधी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया।


समारोह के मुख्य अतिथि लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिडला जी ने कहा कि देवसंस्कृति विवि एक ऐसा विश्व विद्यालय है, जहाँ छात्र-छात्राओं को मनुष्य जीवन के सही लक्ष्य बताया जाता है। देवसंस्कृति विवि से निकलने वाले युवा भारत को सांस्कृतिक रूप से उन्नत बनायेंगे। यहां के शिक्षण, प्रशिक्षण एवं शोध के साथ जीवन प्रबंधन आदि शुभ व्यवस्थित जीवन प्रदान करता है। उन्होनें कहा कि आज प्राचीन मूल्येां को आधुनिक मूल्यों के साथ समन्वय करने की महती आवश्यकता है। देवसंस्कृति विवि इसे बखूबी कर रहा है। उन्होंने कहा कि विवि से शिक्षित होकर देश विदेश में जाने वाले युवक हमारे सांस्कृतिक राजदूत हैं।


समारोह के अध्यक्ष कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि देसंविवि एकमात्र विवि है, जहां ज्ञानदीक्षा समारोह होता है, जिसके माध्यम से युवाओं को चरित्रवान एवं निष्ठावान छात्र बनने की प्रतिज्ञा कराई जाती है। उन्होंने कहा कि यहां से उत्तीर्ण होकर नये जीवन में प्रवेश करने वाले छात्र छात्राएं विवि से प्राप्त गुणों का अन्यों में भी प्रसार करेंगे। कुलाधिपति ने कहा कि विवि की जो परिकल्पना युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने की थी उसका साकार रूप में देवसंस्कृति विवि को देखा जा सकता हैै हम शीघ्र ही विवि का विस्तार करेंगे। उन्होंने कहा कि पं श्रीराम शर्मा आचार्य ने जो तीन हजार दो सौ से अधिक साहित्यों की संरचना की है, उसके प्रकाश से ही संस्कृति और संस्कार को जाग्रत कर पा रहे हैं।
इससे पूर्व कुलपति श्री शरद पारधी ने शनैः शनैः प्रगति पथ अग्रसर हो रहे विवि की प्रगति प्रतिवेदन र्प्रस्तुत किया। प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने दीक्षांत समारोह की पृष्ठभूमि पर विस्तृत प्रकाश डाला।
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष श्री बिडला, डॉ अनिता बिडला, कुलाधिपति डॉ प्रणव पण्ड्या ने दीक्षांत समारोह स्मारिका, अनाहत, संस्कृति संचार, अंतर्राष्ट्रीय जनरल आदि का विमोचन किया। कुलाधिपति डॉ प्रणव पण्ड्या जी ने श्री ओम बिडला जी को गंगाजली, स्मृति चिह्न एवं विवि के विशेष साहित्य भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर देहरादून जिला प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी, पत्रकार बंधु एवं विद्यार्थियों के अभिभावक गण मौजूद रहे।
विवि के टॉपर विद्यार्थी
सन २०१७ की उर्वशी शर्मा, सन २०१८ की वंदना आर्य, सन् २०१९ की चित्रा कश्यपत्र, सन् २०२० की रूपम, सन् २०२१ की चित्रा कश्यप, सन् २०२२ की अंजलि पुण्डीर।
प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में की पूजा अर्चना
लोस अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी, डॉ अनिता बिरला एवं देसंविवि कुलाधिपति डॉ प्रणव पण्ड्या जी ने कार्यक्रम से पूर्व प्रज्ञेश्वर महादेव की पूजा की और मंदिर परिसर में रक्त चंदन के पौधे रोपे।

पश्चात उन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले शूरवीरों की याद बने शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में बिखेरी चमक
देवसंस्कृति विवि के युवा कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में चमक बिखरते हुए समाज को नई दिशा देने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसमें छात्रों द्वारा की गयी लघुनाटिका ने खूब तालियां बटोरी। इस दौरान गढवाली, असमी, झारखण्डी, महाराष्ट्रीयन, राजस्थानी, ओडिया लोकनृत्य आकर्षण के केन्द्र रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!