शिवडेल स्कूल में दीपावली उत्सव की धूमधाम…

हरिद्वार / कनखल। भारत विविधता का पर्याय है। इसमें लोगों, संस्कृति और परंपराओं का विशाल विस्तार है और त्यौहार उन सामान्य संबंधों में से एक है जो उन्हें बांधता है। त्यौहारों की श्रृंखला में दीपावली पर्व के शुभ अवसर पर शिवडेल स्कूल जगजीतपुर में विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रंगोली, दीप सज्जा, कैंडल सज्जा, ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग, पूजा की थाली सजाना एवं पाक कला आदि प्रतियोगिता में सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा को निखारा।

ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग, क्राफ्ट वर्क एवं रंगोली द्वारा छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया ।
स्ववेद प्ले ग्रुप जगजीतपुर में नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा भी अपनी पाक कला का प्रदर्शन किया। जिसमें नर्सरी के बच्चों ने फ्रूट चाट, जूनियर केजी ने चॉकलेट लड्डू और सीनियर केजी ने मैजिक बर्फी शिक्षिकाओं की देखरेख में बनायीं। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सुन्दर रंगोली बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य अरविंद बंसल, कोऑर्डिनेटर विपिन मलिक व अन्य शिक्षकगणों ने बच्चों का उत्साह वर्धन किया एवं दीपावली की शुभकामनायें दी।

प्रतियोगिता का शुभारम्भ स्कूल के संस्थापक स्वामी शरदपुरी द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को दीपावली उत्सव और अंधकार पर प्रकाश की विजय का महत्व बताया तथा पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए इकोफ्रेंडली दीपावली मनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति को अपने अंदर संजोने वाला दीपावली का त्यौहार सभी को खुशी और प्रसन्नता प्रदान करता है।
ऐसा कहा जाता है कि, ‘भोजन के प्रति प्रेम से बढ़कर कोई सच्चा प्रेम नहीं है’। उत्तराखंड के बुरांश शरबत, गुजरात के ढोकला, तमिलनाडु के पोंगल से लेकर अरुणाचल प्रदेश के थुकपा तक हर व्यंजन का सांस्कृतिक रुप से अपना अहम महत्व हैं। भारत की समृद्ध पाक विरासत को प्रतिबिंबित करने और स्वाद, स्वास्थ्य, पारंपरिक ज्ञान, सामग्री और व्यंजनों के मूल्य और महत्व को समझने के लिए, विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न राज्यों के खान-पान का प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों ने उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के विभिन्न पकवानों को उनकी पाक कला और विशेषता के साथ प्रस्तुत किया। ऐसा लगता था की पूरा भारत आज सांस्कृतिक विरासत और अपने अनूठे स्वाद के साथ शिवडेल स्कूल के प्रांगण में समा गए। छात्र-छात्राओं ने भोजन तैयार करने के साथ-साथ उनके प्रेजेंटेशन में भी अपनी क्रियाशीलता और लीडरशिप कौशल का प्रदर्शन किया। छात्र-छात्राओं ने स्कूल के संस्थापक स्वामी शरदपुरी जी एवं अन्य अतिथियों का स्वागत अलग-अलग राज्यों के परंपराओं के अनुसार उनकी ही भाषा एवं वेशभूषा में किया।

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