एसएमजेएन महाविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सम्बन्ध में एक इनडक्शन प्रोग्राम तथा कार्यशाला का हुआ आयोजन…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। एसएमजेएन महाविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सम्बन्ध में एक इनडक्शन प्रोग्राम तथा कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त शिक्षक संवर्ग तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा उपस्थित रहे। उपरोक्त कार्यक्रम के की-नोट स्पीकर प्रो. दिनेश चन्द्र गोस्वामी, श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, कैम्पस ऋषिकेश, कोर्डिनेटर एनईपी-2020 तथा प्रो. डी.के.पी. चौधरी, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग, श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, कैम्पस ऋषिकेश रहे।

सेमिनार में प्रो. दिनेश चन्द्र गोस्वामी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वास्तव में नई शिक्षा नीति छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देती है तथा इसमें मल्टीपल एन्ट्री प्वाइंट तथा मल्टीपल ऐग्जिट प्वाइंट हैं जिससे विद्यार्थियों को वह लचीलापन मिलता है कि वह अपने अध्ययन के दौरान किसी भी समय अन्य विषय अथवा संकाय में अध्ययन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने मेजर, माइनर, स्किल डवलपमेंट कोर्स, वोकेशनल कोर्स इन सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों का आह्वान किया कि वे इस एनईपी 2020 का समुचित लाभ उठाते हुए अपने भविष्य को नई दिशा प्रदान करें।

प्रो. डी.के.पी. चौधरी, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग, श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, कैम्पस ऋषिकेश ने एनईपी-2020 में स्किल डवलपमेंट के विभिन्न पाठ्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि छात्र-छात्राओं को एक माइनर विषय लेना आवश्यक है जिसे कि वह उस दशा में दूसरे संकाय से लेगा जबकि उसका तीसरा मेजर कोर्स अपनी संकाय से सम्बन्धित है। उन्होंने छात्र-छात्राओं की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया और कहा कि वे भयरहित होकर नई शिक्षा नीति का अंगीकार करें।

काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वास्तव में नई शिक्षा नीति का आज की यह कार्यशाला इस दिशा में सार्थक प्रयास है कि अब समस्त प्रवेश एवं परीक्षायें इसी नीति के तहत होनी हैं। डाॅ. बत्रा ने नवीन शिक्षा नीति को देश की शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन बताया तथा कहा कि स्किल डवलपमेंट के माध्यम से अब युवा स्वरोजगार की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस दिशा में काॅलेज प्रबन्धन उद्योग एवं शिक्षा में गैप को भरने के लिए एम.ओ.यू. साईन करने जा रहा है।
डाॅ. बत्रा ने ऋषिकेश कैम्पस के अपनी विद्यार्थी जीवन को याद करते हुए विश्वविद्यालय की नीतियों तथा सहयोग की भूरि-भूरि प्रंशसा की।

कार्यक्रम का संचालन समन्वयक आईक्यूएसी डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डाॅ. विनीता चौहान, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, डाॅ. रूचिता सक्सेना, नेहा गुप्ता आदि ने अपनी-अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।
डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, प्रो. विनय थपलियाल, डाॅ. सुषमा नयाल, डाॅ. मनोज कुमार सोही, डाॅ. शिवकुमार चौहान, वैभव बत्रा, डाॅ. रिचा मनोचा, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा, दिव्यांश शर्मा, डाॅ. रजनी सिंघल, डाॅ. रीना मिश्रा, मोहन चन्द्र पाण्डेय, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. पदमावती तनेजा, अंकित अग्रवाल, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, कु. नेहा गुप्ता, पूर्णिमा सुन्दरियाल, विनीत सक्सेना सहित काॅलेज के अनेक छात्र-छात्रायें, प्रेमा सिंह, मोनिका नेगी, विवेक कुमार, शंकर जोशी, वैशाली, अंकिता जोशी, अखलाद, नीतिश पाण्डेय, अमूल्य सक्सेना, अंशिका, सोनिया, अभय कुमार, कविता आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!