वैद्य दीपक कुमार से आज आप जानिये कब्ज के बारे में, कब्ज का मूल कारण ,कब्ज का बहुत बढिया उपाय
🍃 Arogya🍃
कब्ज का बहुत बढिया उपाय
————————————
हरिद्वार के प्रसिद्ध वैद्य दीपक कुमार का कहना है कि आज के दौर में अनियमित खान-पान के चलते लोगों में कब्ज एक आम बीमारी की तरह प्रचलित है। यह पाचन तन्त्र का प्रमुख विकार है। मनुष्यों मे मल निष्कासन की फ़्रिक्वेन्सी अलग अलग पाई जाती है। किसी को दिन में एक बार मल विसर्जन होता है तो किसी को दिन में 2-3 बार होता है। कुछ लोग हफ़्ते में 2 य 3 बार मल विसर्जन करते हैं। ज्यादा कठोर, गाढा और सूखा मल जिसको बाहर धकेलने के लिये जोर लगाना पडे यह कब्ज रोग का प्रमुख लक्षण है। ऐसा मल हफ़्ते में 3 से कम दफ़ा आता है और यह इस रोग का दूसरा लक्षण है। कब्ज रोगियों में पेट फ़ूलने की शिकायत भी साथ में देखने को मिलती है। यह रोग किसी व्यक्ति को किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन महिलाओं और बुजुर्गों में कब्ज रोग की प्रधानता पाई जाती है। कब्ज निवारक नुस्खे इस्तेमाल करने से कब्ज का निवारण होता है और कब्ज से होने वाले रोगों से भी बचाव हो जाता है–
- कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: कब्ज से परेशान रोगी
को दिन मे 24 घंटे मे मौसम के मुताबिक 3 से 5 लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये। इससे कब्ज रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है। - भोजन में रेशे की मात्रा ज्यादा रखने से कब्ज निवारण होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों और फ़लों में प्रचुर रेशा पाया जाता है। मेरा सुझाव है कि अपने भोजन मे करीब 700 ग्राम हरी शाक या फ़ल या दोनो चीजे शामिल करें।
- सूखा भोजन ना लें। अपने भोजन में तेल और घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये रखें। चिकनाई वाले पदार्थ से दस्त साफ़ आती है।
- पका हुआ बिल्व फ़ल कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य 7 दिन तक पियें। कब्ज मिटेगी।
- रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध पियें। मल आंतों में चिपक रहा हो तो दूध में 3-4 चम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर पीना चाहिये।
- इसबगोल की की भूसी कब्ज में परम हितकारी है। दूध या पानी के साथ 2-3 चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लेना फ़ायदे मंद है। दस्त खुल कर होने लगता है। यह एक कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है।
- नींबू कब्ज में गुण्कारी है। मामुली गरम जल में एक नींबू निचोडकर दिन में 2-3 बार पियें। जरूर लाभ होगा।
- एक गिलास दूध में 1-2 चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पीने से भी कब्ज रोग का समाधान होता है।
- एक कप गर्म जल मे 1 चम्म्च शहद मिलाकर पीने से कब्ज मिटती है। यह मिश्रण दिन मे 3 बार पीना हितकर है।
- जल्दी सुबह उठकर एक लिटर गरम पानी पीकर 2-3 किलोमीटर घूमने जाएं। बहुत बढिया उपाय है।
- दो सेब फ़ल प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।
- अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमॄत समान है। ये फ़ल दिन मे किसी भी समय खाये जा सकते हैं। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से विसर्जीत होता है।
- अंगूर मे कब्ज निवारण के गुण हैं । सूखे अंगूर याने किश्मिश पानी में 3 घन्टे
गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते रहें। - एक और बढिया तरीका है। अलसी के बीज का मिक्सर में पावडर बनालें। एक गिलास पानी मे 20 ग्राम के करीब यह पावडर डालें और 3-4 घन्टे तक गलने के बाद छानकर यह पानी पी जाएं। बेहद उपकारी ईलाज है।
- पालक का रस या पालक कच्चा खाने से कब्ज नाश होता है। एक गिलास पालक का रस रोज पीना उत्तम है। पुरानी कब्ज भी इस सरल उपचार से मिट जाती है।
- अंजीर कब्ज हरण फ़ल है। 3-4 अंजीर फ़ल रात भर पानी में गलावें। सुबह खाएं।आंतों को गतिमान कर कब्ज का निवारण होता है