रोशनाबाद जेल में कैदियों ने सीखी मन की साधना और जीवन जीने की कला…

हरिद्वार। श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग चैप्टर हरिद्वार के द्वारा रोशनाबाद जेल में 06 दिवसीय सेमिनार का समापन हुआ। बंदियों को सिखाया गया कि कैसे आप मन की साधना करके अपना जीवन सुधर सकते हैं अपने मन से बदले की भावना से छुटकारा पा सकते हैं और जब भी आप जेल से छूट कर जाएं तो एक अच्छा इंसान बनकर जाएं। आर्ट ऑफ़ लिविंग के सीनियर ट्रेनर तेजिंदर सिंह ने बताया कि इनको 06 दिन में योग, ध्यान और सांसों की सुदर्शन क्रिया सिखाई गई। सुदर्शन क्रिया अपने आप में एक अद्भुत चमत्कारी क्रिया है जिससे शरीर मन और आत्मा तीनों का सुधार होता है। आप नए सकारात्मक विचारों से भर जाते हैं। आपके सोचने का ढंग बदलने लगता है और धीरे-धीरे आप वर्तमान में रहना सीख जाते हैं और हर परिस्थिति को आसानी से पार कर जाते हैं।

शिवर में 50 से ज्यादा बंदियों ने भाग लिया। रवि शंकर के द्वारा प्रदान की गई सुदर्शन क्रिया नियमित करने से तनाव कम होने लगता है, नींद की सभी प्रॉब्लम हल हो जाती हैं और शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। इस मौके पर डॉक्टर आरसी गैरोला ने कहा कि आर्ट ऑफ़ लिविंग के इस शिवर से कैदियों को मानसिक शांति मिलती है शरीर स्वस्थ होने लगता है। हम चाहते हैं आर्ट ऑफ लिविंग भविष्य में भी ऐसे शिवर करते रहें ताकि हमारे सभी कैदी इसका फायदा उठा सकें।

शिवर को आयोजन में सीनियर सुपरीटेंडेंट जेल मनोज कुमार आर्य, डॉ. आर.सी. गैरोला और प्रभारी जेलर प्यारेलाल आर्य का मार्गदर्शन मिला और हर तरह से सफल बनाने में मनीष बहुगुणा के सहयोग से यह शिविर सुंदर तरीके से संपन्न हुआ।

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