पूरे विधि-विधान के साथ पवित्र छड़ी का गंगा स्नान के बाद हुआ पूजन, जानिए…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा निकाली जाने वाली प्राचीन पवित्र छड़ी को पूरे विधि-विधान के साथ हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान कराया गया। इस दौरान जूना अखाड़े के संतो, श्री निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत रविन्द्र पुरी के अलावा श्री गंगा सभा के अध्यक्ष महामंत्री के साथ-साथ अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। पवित्र छड़ी शनिवार को नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। इस दौरान श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के आस-पास मुस्लिमों की बढ़ती आबादी के प्रति चिन्ता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री से यथोचित कारवाई की मांग की है। कहा कि एक सुनियोजित तरीके से चार धामों के निकट मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने राज्य के उपरी हिस्सों से हो रहे पलायन पर भी चिन्ता जाहिर करते हुए सरकार से इसके रोकने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कारवाई की मांग की है। ज्ञात रहे कि गत बुधवार को पवित्र छड़ी बागेश्वर से बागनाथ मन्दिर में पूजा-अर्चना तथा सरयू नदी के पवित्र संगम में स्नान कर नगर की अधिष्ठात्री देवी माया देवी मन्दिर पहुची। जहां से आज शुक्रवार को पवित्र छड़ी को हरकी पैड़ी पर ले जाकर गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना की गई। गंगा स्नान के दौरान जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज, जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि, श्रीमहंत केदारपुरी, थानापति राजगिरि, श्रीमहंत पुष्कर गिरि, श्रीमहंत दीनदयाल गिरि साधुओं के जत्थे के साथ पवित्र छड़ी लेकर हरकी पैड़ी पहुचे। जहां पर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, महंत उत्तम गिरि, श्रीमहंत पशुपति गिरि, थानापति राजेन्द्र गिरि, महाकाल गिरि, धर्मेन्द्र पुरी, हीरा भारती, कुमारानंद अमृतपुरी, महंत रणधीर गिरि आदि ने पवित्र छड़ी का पूजन किया। पूजन के बाद व्यापारियों के आग्रह पर पवित्र छड़ी को मोतीबाजार, बड़ा बाजार, अपर रोड़ से होते हुए श्रवणनाथ मठ के निकट स्थित पशुपति नाथ मन्दिर लाया गया, जहां पर श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। इसके बाद पवित्र छड़ी को मायादेवी मन्दिर प्रांगण लाया गया। इस दौरान जगह जगह व्यापारी नेताओं केलाश केसवानी, सुरेश गुलाटी, संजीव नैय्यर, कमल बृजवासी, वेद प्रकाश, प्रदीप कालरा सहित बड़ी संख्या में व्यापारियों ने माल्यापर्ण कर पूजा-अर्चना की। पवित्र छड़ी शनिवार को नगर के विभिन्न मन्दिरों में भ्रमण के लिए निकाली जायेगी।

जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया यह दशनामी पवित्र छड़ी यात्रा प्राचीन काल से चली आ रही है। कश्मीर में अमरनाथ छड़ी यात्रा निरन्तर निकलती है। छड़ी यात्रा सभी सन्यासी अखाड़ों द्वारा संयुक्त रूप निकाली जाती है। छड़ी यात्रा के साथ चलने वाले साधुओ के जत्थे की पूरी व्यवस्था वहां की सरकार द्वारा की जाती है, चाहे मुख्यमंत्री कोई भी रहे, लेकिन सरकारी सहयोग निरन्तर जारी रहा। बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा का उददेश्य तीर्थस्थानों का भ्रमण, जीर्ण-शीर्ण तीर्थो का जीर्णोद्वार आदि है। उत्तराखण्ड में यात्रा पूर्व में निकाली जाती रही है, लेकिन लगभग 70 वर्ष पूर्व बागेश्वर से प्रारम्भ होने वाली यह पौराणिक छड़ी यात्रा कतिपय कारणों से स्थगित हो गयी थी, लेकिन 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व अखाड़ो के संयुक्त प्रयास से इसे पुनः प्रारम्भ किया गया। यात्रा का उददे्श्य इन तीर्थो का विकास करना तथा जनमानस का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना है। ताकि इन तीर्थो के विकास के साथ-साथ स्थानीय जनता को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो तथा उनकी सामाजिक, आर्थिक स्थिति में सुधार हो। बताया कि यह पवित्र छड़ी शनिवार को नगर भ्रमण के लिए निकाली जायेगी, जो कि दक्ष प्रजापति कनखल, दक्षिणकाली मन्दिर, सहित विभिन्न मन्दिरों तक जायेगी। नगर भ्रमण के बाद पवित्र छड़ी को मायादेवी मन्दिर प्रांगण में स्थापित किया जायेगा। जहां से निर्धारित कार्यक्रमानुसार उत्तराखण्ड की यात्रा के लिए रवाना की जायेगी।

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