श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी अपने अंतिम चरण में बागेश्वर से पहुंची बिनसर महादेव मंदिर रानीखेत…

उत्तराखण्ड / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी अपने अंतिम चरण में रविवार को बागेश्वर से बिनसर महादेव मंदिर रानीखेत पहुंच गई। बागेश्वर में रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल और उनकी पत्नी श्रीमती हिमानी नैनवाल ने पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना की तथा संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रमोद नैनवाल ने कहा कि विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता सनातन धर्म में है, विश्व की कई सभ्यताएं  समाप्त हो गई है, लेकिन हमारी सनातन आर्य सभ्यता आज भी कायम है। इसका श्रेय इन साधु-संतों को जाता है, जो इसे जीवित रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राजसत्ता तभी सफल है, जब उसके ऊपर धर्म सत्ता का अंकुश है। सफलता की यात्रा की सफलता की कामना करते हुए प्रमोद नैनवाल ने कहा कि साधु संतों के आशीर्वाद से भारत विश्व में पुनः विश्व गुरु बनेगा। पवित्र छड़ी के प्रमुख महंत श्रीमहंत प्रेम गिरी, श्रीमहंत शंकर गिरी, श्रीमहंत शिवदत्त गिरी ने विधायक को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। श्रीमहंत प्रेम गिरी के नेतृत्व में पवित्र छड़ी बागेश्वर से पौराणिक तीर्थ दूनागिरी मंदिर पहुंची, जहां मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने छड़ी की आगवानी की। पवित्र छड़ी को माता दूनागिरी के गर्भ गृह में दर्शन के लिए ले जाया गया। समिति की ओर से सभी संतों का स्वागत किया गया तथा भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई। दूणागिरी मंदिर से पवित्र छड़ी रानीखेत के पौराणिक सिद्ध पीठ तीर्थ काली मंदिर पहुंची, जहां पूजा-अर्चना के पश्चात पवित्र छड़ी बिनसर महादेव मंदिर पहुंची। मंदिर में मौजूद स्थानीय नागरिकों व तीर्थ पुरोहितों ने पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना करते हुए शिवलिंग के दर्शन किए तथा पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर श्री श्रीमहंत पशुपति गिरी, श्रीमहंत विशंभर भारतीय, श्रीमहंत कुछ पुरी, श्रीमहंत पुष्कर राज गिरी, महंत आदित्य गिरी, महंत केशवगिरी, महंत तूफान गिरी, महंत रतन गिरी, महंत राजेंद्र गिरी तथा महेंद्र राज गिरी आदि उपस्थित रहे। सोमवार को पवित्र छड़ी अपने अंतिम पड़ाव में बूढ़ा केदार, मासी स्थित भूमिया थान तथा माता गर्जिया के दर्शन के पश्चात रामनगर में रात्रि विश्राम के पश्चात श्यामपुर में श्री प्रेम गिरी आश्रम होते हुए हरिद्वार पहुंचेगी।

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