श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी पहुंची गढ़वाल मंडल की भ्रमण यात्रा के अंतिम चरण में…

उत्तराखण्ड / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी अपने गढ़वाल मंडल के भ्रमण यात्रा के अंतिम चरण में पहुंच गई है। हरिद्वार में गत 09 अक्टूबर को माया देवी मंदिर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना के पश्चात पवित्र छड़ी अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरि महाराज के दिशा-निर्देश पर अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरी के नेतृत्व में उत्तराखंड के चारों धाम सहित सभी पौराणिक तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए रवाना की गई थी। यमुनोत्री, गंगोत्री धाम के दर्शन के पश्चात पवित्र छड़ी को लेकर छड़ी के प्रमुख महंत श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज रुद्रप्रयाग पहुंचे, जहां पौराणिक कोटेश्वर महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत शिवानंद गिरि, एसडीएम अर्चना धौंडियाल, शहर व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने पारंपरिक ढोल-बाजे, नरसिंहा, ढोला-डमरू आदि के साथ पवित्र छड़ी की शोभायात्रा निकाली। नगर में जगह-जगह स्थानीय नागरिकों ने पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना की तथा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

नगर भ्रमण करती हुई पवित्र छड़ी कोटेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। संगम स्नान के पश्चात पवित्र छड़ी श्री केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई। सोमवार को पवित्र छड़ी जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती, श्रीमहंत प्रेम गिरी, श्रीमहंत शिवदत्त गिरी, श्रीमहंत पुष्कर राज गिरी, श्रीमंहत विशम्भर भारती, श्रीमंहत पशुपति गिरी, श्रीमहंत कुश पुरी, महंत वशिष्ठ गिरि, महंत तूफान गिरि, महंत राजगिरी, श्रीमहंत शंभू पूरी, श्रीमहंत गिरीशनन्द गिरी, महंत आदित्य गिरी, अखंडानंद सरस्वती, महंत रतन गिरी आदि नागा सन्यासियों के जत्थे के साथ केदारधाम पहुंचे, जहां मंदिर समिति के पदाधिकारियों व उप जिलाधिकारी, तीर्थ पुरोहितों ने पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना के पश्चात गर्भ गृह में केदार बाबा के दर्शन कराएं और राष्ट्र की समृद्धि सुख-शांति व सनातन धर्म के उन्नयन की कामना की। यहां से पवित्र छड़ी ने बाबा तुंगनाथ धाम के दर्शनों के लिए प्रस्थान किया। विश्व के सबसे अधिक ऊंचाई वाले तुंगनाथ मंदिर की दुर्गम चढ़ाई चढ़कर नागा संन्यासी पवित्र छड़ी लेकर तुंगनाथ धाम पहुंचे, यहां पूजा-अर्चना के पश्चात पवित्र छड़ी रात्रि विश्राम के लिए चमोली पहुंची। रात्रि विश्राम से पूर्व पवित्र छड़ी नरसिंह देवता के मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा कल्पवृक्ष शंकराचार्य गुफा के दर्शन किए।

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