देशभर के कारसेवकों के खिलाफ दर्ज मुकदमें को लिया जाये वापस-स्वामी हरिगिरि महाराज,

हरिद्वार/ हरीश कुमार

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत स्वामी हरि गिरि जी महाराज ने कहा है कि अयोध्या में राम लला का मन्दिर निर्माण का शिलन्यास होने के साथ ही देशभर के कारसेवकों के खिलाफ दर्ज मुकदमें को वापस ले लिया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि उन तमाम कारसेवकों को श्रद्वांजलि दी जायेगी,जिन्होंने मन्दिर आंदोलन के दौरान बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और अब हमारे बीच नही है। उन्होने कहा कि अयोध्या नगरी को अन्र्तराष्ट्रीय मानक के अनुसार विकसित किया जाना चाहिए। अयोध्या जाते हुए श्रीमहंत हरि गिरि ने कहा कि अयोध्या में रामलला का भव्य मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ होने जा रहा है यह सनातन धर्मालम्बियों के साथ साथ सभी देशवासियों के लिए गौरव की बात हेै। मन्दिर निर्माण प्रारम्भ होने के मौके पर देशवासियों को बधाई देते हुए उन्होने कहा कि अयोध्या में रामलला मन्दिर निर्माण के लिए सेक्यूलर सरकारों द्वारा जिन कारसेवकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गये,उन सभी के खिलाफ मुकदमें वापस लिया जाये,इसके लिए परिषद सरकार से वार्ता करेगी।

उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय से साफ है कि मुगल शासकों ने हिन्दूओं के तीर्थ स्थलों को नुकसान पहुचाने का कार्य किया। उन्होने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय के रामलला के जन्मस्थान को मान लिया,मन्दिर निर्माण के लिए बाधाओं को दूर कर दिया,तो अब इस मामले में तमाम लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमें को बिना देर किये वापस ले लिया जाये। उन्होने कहा कि शिलन्यास होने से पूर्व दिवगंत कार सेवकों को श्रद्वांजलि दी जायेगी। उन्होने कहा कि सनातन धर्मालम्बियों के साथ साथ देशवासियों के लिए यह क्षण गौरव प्रदान करने वाली है कि सदियों से आ रही लड़ाई और बाधाओं को दूर करते हुए मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ हो रहा है। श्री महंत हरि गिरि ने कहा कि अयोध्या जी को अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने की कार्यवाही भी प्रारम्भ की जानी चाहिए। अयोध्या में उद्योगों की स्थापना कर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किये जाने चाहिए। साथ ही नेपाल के कुनौली बार्डर,काशी,विंध्यवासिनी और अयोध्या को जोड़ते हुए एक नया सकिर्ट विकसित किया जाना चाहिए,ताकि पर्यटन की दृष्टि से यहा अधिकाधिक आवागमन हो और पर्यटन के साथ साथ धार्मिक स्थलों का विकास भी तेज हो।

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