धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए संत समाज को एकजुट होना होगा -श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह।

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने के साथ देश को सांस्कृतिक रूप से एकजुट करने में संत महापुरूषों ने हमेशा अहम भूमिका निभाई है। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में सभी तेरह अखाड़ों के संतों के सानिध्य में आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ आमजन में आध्यात्मिक चेतना जगाने और शिक्षा क्षेत्र में भी अखाड़े का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत हैं। विभिन्न सेवा प्रकल्पों के साथ मानव कल्याण में किया जा रहा उनका योगदान स्मरणीय है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ा परंपरा में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का अहम स्थान है। अखाड़ा परंपरा के अनुसार निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज वयोव्द्ध अवस्था में भी धर्म प्रचार में सक्रिय योगदान करते देखना अत्यन्त सुखद है। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के महामंडलेश्वर एवं सांसद स्वामी साक्षी महाराज ने कहा कि आध्यात्मिक गुरु के रूप में समाज का मार्गदर्शन कर रहे श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज का त्यागमयी जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के नेतृत्व में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल मानव कल्याण और धर्म प्रचार में अहम भूमिका निभा रहा है। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अखाड़ा धर्म एवं अध्यात्म के प्रचार प्रसार के साथ राष्ट्र सेवा, सामाजिक सद्भाव और जनकल्याण के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए संत समाज को एकजुट होना होगा। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज, अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह व स्वामी आदियोगी महाराज ने संत महापुरूषों का स्वागत करते हुए कहा कि निर्मल अखाड़ा धार्मिक गतिविधियों व क्रियाकलापों के माध्यम से समाज को अध्यात्मक व ज्ञान की प्रेरणा देने के साथ अखाड़ा परंपरा को मजबूत करने में भी योगदान कर रहा है। संत समागम के पूर्व अखाड़े में शबद कीर्तन और अखंड पाठ का आयोजन कर विश्व शांति की कामना की गयी। इस अवसर पर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, महंत रूपेंद्र प्रकाश, मुखिया महंत भगतराम, सतपाल ब्रह्मचारी, महंत धूनीदास, श्रीमहंत राजेंद्रदास, स्वामी आदियोगी, महंत अमनदीप सिंह, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत प्रबोधानंद गिरी, महंत प्यारा सिंह, महंत रंजय सिंह, महंत शिवम गिरी, महंत निर्भय सिंह, महंत सतनाम सिंह, महंत दुर्गादास, महंत गोविंददास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत हरिकृष्ण सिंह सेठी, महंत भूपेंद्र सिंह, महंत लक्ष्मण सिंह शास्त्री, महंत गुरूवचन सिंह, महंत अमरजीत सिंह, महंत साहब सिंह, महंत जसवीर सिंह, महंत गुरूभक्त सिंह, महंत गुरूविंदर सिंह, महंत मलकीत सिंह, महंत जसकरण सिंह, महंत ज्ञानसिंह, महंत जरनैल सिंह, महंत वीर सिंह, महंत तेजा सिंह, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पंडित अधीर कौशिक, समाजसेवी अतुल शर्मा सहित बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

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