नगर आयुक्त के इस फरमान के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने खोला मोर्चा, जानिए…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। प्रमाणपत्र बनवाने को यूज़र चार्ज जमा करने की रसीद लगाने की अनिवार्यता के नगर आयुक्त के फैसले को तुलगकी फरमान बताते हुए आम आदमी पार्टी ने नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर सोमवार को विरोध-प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल प्रभाव से दिए गए मौखिक आदेश को वापिस लेने की मांग की।
इस अवसर पर पार्टी की महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष हेमा भण्डारी ने कहा कि अभी सभी वार्डो में डोर-टू-डोर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू नही हो पाई है। अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग शुल्क वसूला जा रहा है। किसी-किसी वार्ड में कूड़ा कलेक्शन की रसीद तक नही दी जा रही है, कर्मचारी नगद उगाई कर रहे हैं और एकत्रित कूड़े को डंप करने की कोई व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में नगर आयुक्त का तुगलकी फरमान जनता को परेशान करने वाला है जो कि किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा। पहले नगर निगम अपनी व्यवस्था दुरुस्त करें।
जिला मीडिया सह प्रभारी अनिल सती ने कहा कि सैकड़ों गरीब परिवार यहां झुग्गी-झोपड़ी व खुले आसमान के नीचे निवास करते हैं।अगर उनके परिवार के किसी सदस्य का जन्म अथवा मृत्यु होती है तो वो कहाँ से यूजर चार्ज की रसीद कैसे दिखा पाएगा। जबकि जन्म अथवा मृत्यु प्रमाणपत्र अनेकों दस्तावेजों हेतु महत्वपूर्ण व अनिवार्य रूप से चाहिए होता है। बिना जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के किसी भी विभाग में कोई कार्य नही होता। साथ ही यूजर चार्ज रसीद की अनिवार्यता से भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। यह निर्णय नितांत ही गैरजरूरी व अव्यवहारिक है व संविधान द्वारा प्रदत्त व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन करता है। आदेश को अविलंब वापस लिया जाना न्यायहित में होगा। अन्यथा इसका विरोध किया जाएगा।
नगर आयुक्त की अनुपस्थिति में सह नगर आयुक्त द्वारा ज्ञापन लेते हुए आप की सभी मांगो को जायज बताते हुए उनके निस्तारण की बात कही और बताया कि नगर आयुक्त द्वारा पूर्व में दिए गए मौखिक आदेश को उनके द्वारा वापिस ले लिया गया है।
प्रदर्शन कर ज्ञापन देने वालो में हेमा भण्डारी, अनिल सती, यशपाल चौहान, आशीष गौड़, मयंक गुप्ता, किरण कुमार दुबे, पवन वर्मन, दयाराम, गीता देवी, दानिश, दिनेश कुमार, श्रवण गुप्ता, शिव कुमार, रेखा देवी, अकरम कांच वाले, प्रवीण कुमार, ममता सिंह, शाहीन असरफ, पंकज शर्मा आदि मौजूद रहे।