मॉक ड्रिल कर रेडक्रॉस टीम ने आपदा के दौरान अपनी तैयारियों को परखा, प्रशासन ने की सराहना…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। मॉक अभ्यास के तहत रेडक्रॉस स्वयं सेवकों ने आपदा के दौरान अपनी अपनी भूमिका को परखा, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष सराहना की गयी।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष दत्त एवं इडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी के संयोजन में गत दिवस की गई आपदा की मॉक ड्रिल के तहत रेडक्रॉस स्वयं सेवकों ने भी अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुये, आपदा के आने पर किस प्रकार जिला प्रशासन का सहयोग किया जायेगा तथा जनमानस के जानमाल की सुरक्षा की जायेगी। ऐसे सभी प्रकार के आपदा के दौरान किये जाने वाले सभी कार्यों की तैयारियों को परखने के उपरान्त समीक्षा की।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने इडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी एवं मॉक ड्रिल में किये गये समर्पित सहयोग के लिए प्रतिभाग करने वाले सभी रेडक्रॉस स्वयं सेवकों की सराहना करते हुये कहा कि आपदा के दौरान कार्य करने वाले सभी सम्बन्धित विभागों के साथ-साथ स्वयं सेवकों की अहम भूमिका होती है। जिसमें रेडक्रॉस स्वयं सेवक पूर्णतया खरे उतरे। जिलाधिकारी ने कहा कि जब जब कोई भी दैवीय, प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं से जनमानस प्रभावित हुआ तब रेडक्रॉस स्वयं सेवकों ने अग्रणीय रहकर जनमानस को समर्पित सेवा दी है। जिसका उदाहरण गत वर्षो में कोविड-19 जैसी वैश्विक दैवीय आपदा है जिसके लिए डॉ. नरेश चौधरी सचिव रेडक्रॉस के नेतृत्व में रेडक्रॉस स्वयं सेवकों ने उत्कृष्ठ कार्य किये है। जिससे जनपद हरिद्वार का नाम भारत मे ही नहीं अपितु विश्व में भी गौरवान्वित हुआ है। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि किसी भी दैवीय आपदा को रोका नहीं जा सकता, परन्तु स्वेच्छिक संस्थाओं के स्वयं सेवकों तथा अधिक से अधिक जनसहभागिता से कम किया जा सकता है।
इडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी ने अवगत कराया कि आपदा के मॉक अभ्यास के अन्तर्गत रेडक्रास स्वयं सेवकों ने भी सभी घटना स्थलों पर बिना समय गंवायें शीघ्रता से पहुुंचकर प्रभावित जनमानस को यथा सम्भव प्राथमिक उपचार दिया तथा समय रहते हुये जनहानि, पशु हानि एवं आर्थिक हानि को कम से कम होने दिया। यहां तक कि कुछ घायलों को सीपीआर (कार्डिैयो पलमोनरी रिसिएशन) दिल की धमनियों को पुनः चालू करना, पानी मे डूबतों को बचाकर उनका पानी बाहर निकालकर कृत्रिम स्वास देने के उपरान्त प्राथमिक उपचार भी दिया गया तथा गम्भीर रूप से प्रभावित व्यक्तियों को एम्बुलेंस में ही प्राथमिक उपचार देते हुये चिकित्सालयों में समय से पहुचाया गया।
समीक्षा के उपरान्त डॉ. नरेश चौधरी ने अवगत कराया कि घटना स्थलों पर कुछ भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में एम्बुलेंस को रास्ता देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने तथा जिला चिकित्सालय में पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाये। जिससे घायलों को आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में पहुुंचाने में देर न हो, जैसे सुझाव भी जिला प्रशासन को दिये गये। जिसके लिए एसडीएम पूरण सिंह राणा ने सम्बन्धित विभागों को भविष्य मे उक्त कमियों को दूर करने के निर्देश देते हुये रेडक्रॉस स्वयं सेवकों की समर्पित भावना से किये गये सहयोग की सराहना करते हुये प्रशन्सा की एवं धन्यवाद ज्ञापित भी किया।
रेडक्रॉस स्वयं सेवको मे मूुख्य रूप से रचना, नेहा शाह, दिव्या, दिव्या चमियाल, साक्षी राणा, आयुषि रावत, रिषि कुमारी, रितिका रावत, रोहित भट्ट, विजेता मण्डल, मयंक गंगवार, श्रेया मिश्रा, आकांक्षा भट्ट, पूनम आदि ने सक्रिय सहभागिता की।