देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी क़ानून उत्तराखंड के मेहनत करने वाले युवाओं के लिए सुरक्षा कवच -डॉ. देवेंद्र भसीन।

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता व निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र भसीन ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी क़ानून लागू करके प्रदेश के मेहनत कर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले युवाओं को सुरक्षा कवच प्रदान किया है। अब कोई असामाजिक व्यक्ति न तो नक़ल करने और न नक़ल कराने का साहस दिखाएगा। इस पर यदि किसी ने ऐसा करने का दुस्साहस किया तो उसे आजीवन कारावास व दस करोड़ रु तक जुर्माना भरना पड़ सकता है ।

बुधवार को पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए डॉ. देवेंद्र भसीन ना कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कांग्रेस शासन के समय से चल रहे प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए ऑपरेशन क्लीन चला रहे हैं। जहाँ कहीं गड़बड़ी पाई जा रही है वहाँ तुरंत कड़ी कार्यवाही की जा रही है, सम्बंधित व्यक्तियों की गिरफ़्तारी के साथ सख़्त जाँच कराई जा रही है जिस पर उच्च न्यायालय ने भी मुहर लगा दी है। इसके अलावा मेहनत कर ईमानदारी से परीक्षा देने वाले युवाओं के अधिकार पर कोई डाका न डाले, इसके लिए व्यवस्था को पूरी तरह ठीक किया जा रहा है। इसी क्रम में एक ऐतिहासिक कदम नक़ल विरोधी क़ानून बना कर उसे तत्काल लागू करने का है। जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने 09 फरवरी को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को अनुमोदन प्रदान करते हुए राज्यपाल की मंजूरी के लिए अग्रसारित किया था। राज्यपाल ले.जन.(से.नि.) गुरमीत सिंह ने एक ही दिन में मंज़ूरी दे दी। इस के साथ ही यह अध्यादेश प्रदेश में तुरंत लागू हो गया। यह क़ानून देश का नक़ल विरोधी सबसे कड़ा क़ानून है। अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की व्यवस्था की गई हैं। इस क़ानून के अनुसार यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। क़ानून के अनुसार यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोष सिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि यह क़ानून केवल प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू है विश्वविद्यालय या अन्य परीक्षाओं पर नहीं।

डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि मुख्यमंत्री युवाओं की भावनाओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील हैं इसी के चलते सरकार ने बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए विभिन्न बिंदुओं पर कार्यवाही की है। राज्य सरकार पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच को माननीय हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराएगी। मुख्यमंत्री सीबीआई जांच के विरोध में नहीं हैं। यद्यपि उच्च न्यायालय एसआईटी जांच को सही बता चुका है इसके बावजूद उन्होंने कहा है कि एक बार प्रतियोगी परीक्षाएं पूरी हो जाँए तो वे सीबीआई जांच करा सकते हैं। लेकिन अभी सीबीआई जांच कराने से परीक्षाओं को रोकना होगा और इसका नुकसान युवाओं को होगा जो हम नहीं चाहते। आंदोलनरत युवाओं की एक मांग पटवारी भर्ती में प्रश्नपत्र बदले जाने की थी। लोक सेवा आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पटवारी परीक्षा के प्रश्न पत्र नए सिरे से तैयार किए गए हैं।
राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया गया है।
नक़ल विरोधी क़ानून के लागू होने व युवाओं की विभिन्न माँगों पर कार्यवाही के दृष्टिगत हमारी युवाओं से अपील है कि वे मुख्यमंत्री पर विश्वास रखे व आंदोलन समाप्त कर दें। युवाओं को कांग्रेस व अन्य तत्वों से सावधान रहना होगा जो युवाओं की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेक रहे हैं व प्रदेश में अव्यवस्था फैलाने की कोशिश में हैं।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी संजीव वर्मा, जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, जिला महामंत्री आशुतोष शर्मा, आशु चौधरी, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष विक्रम भुल्लर, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, जिला मंत्री मोहित वर्मा, जिला कोषाध्यक्ष सचिन शर्मा एवं जिला कार्यालय मंत्री नकली राम सैनी उपस्थित रहे।

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