भगवान श्री चंद्राचार्य की 528 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। सोमवार को उदासीन संप्रदाय के प्रवर्तक भगवान श्री चंद्राचार्य जी की 528 वीं जयंती श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा राजघाट कनखल में धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सोमवार प्रातः श्री चंद्राचार्य चौक में भगवान श्री चंद्राचार्य जी के विग्रह में स्थित श्री चंद्राचार्य भगवान की प्रतिमा का वैदिक विधि-विधान के साथ पूजन किया गया। श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा राजघाट कनखल में भगवान श्री चंद्राचार्य मंदिर में हवन-पूजन का आयोजन हुआ और संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन को कई महामंडलेश्वरों, महंतों और विद्वानों ने संबोधित किया। संत सम्मेलन के बाद प्रसाद वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ कार्यक्रम में बड़ी तादाद में साधु-संतों और महामंडलेश्वरों ने भाग लिया।
संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा राजघाट कनखल के कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि भगवान श्री चंद्राचार्य महाराज ने आज से 500 साल पहले भारत में सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने वाले आतताईयों का डटकर मुकाबला किया और उन्हें भारत से भगाया तथा सनातन धर्म की रक्षा की, उन्होंने कहा कि भगवान श्री चंद्राचार्य जी ने सामाजिक समरसता एवं एकता के लिए कार्य किया।
महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद महाराज ने कहा कि भगवान श्री चंद्राचार्य विलक्षण प्रतिभा के धनी थे उनके विचार हर युग में प्रासंगिक रहेंगे। श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा के कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि भगवान श्री चंद्राचार्य जी ने समाज को जोड़ने का कार्य किया। महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि जब-जब समाज में अधर्म का प्रभाव बढ़ता है तब-तब भगवान श्री चंद्राचार्य जैसी विभूतियां पृथ्वी पर जन्म लेती हैं और धर्म की पुनर्स्थापना करती हैं।
इस अवसर पर महंत जयेंद्र मुनि, महंत प्रेमदास, महंत गोविंद दास, महंत दर्शन दास, महंत मुरली दास, महंत बलवंत दास, महंत निरंजन दास, महंत जोगेंद्र मुनि, महंत ब्रह्ममुनि, महंत केवल्यानंद, महंत सहदेव मुनि, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, सतपाल ब्रह्मचारी, महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी, महंत रघुवीर दास सहित कई संतों-महंतों ने अपने विचार रखें।