प्रधानमंत्री मोदी ने काशी कॉरिडोर का लोकार्पण कर रचा इतिहास, जानिए…
उत्तरप्रदेश / सुमित यशकल्याण।
वाराणसी। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी में इतिहास रचा उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह और अहिल्याबाई होलकर के बाद काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प किया जिसके लिए उन्हें इतिहास याद करेगा। आज बड़े श्रद्धा भाव से उन्होंने पहले बनारस के ललिता घाट पर आस्था की डुबकी लगाई और गंगा में पुष्प-अक्षत चढ़ाई सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने काशी में बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक किया।
भगवा रंग की पोशाक पहने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संदेश दिया कि वे भारतीय भगवा संस्कृति जो श्रद्धा आस्था और भावनाओं का केंद्र है उसके प्रति उन्हें अपार श्रद्धा है और गंगा के प्रति उन्हें अपार श्रद्धा है। उन्होंने कहा था- मुझे गंगा ने बुलाया है और आज यह उन्होंने साबित कर दिया कि गंगा ने उन्हें भोलेनाथ की नगरी काशी के कायाकल्प के लिए बुलाया था। आज उन्होंने गंगा में डुबकी लगाकर यह संदेश दिया कि गंगा का जल उत्तराखंड के गोमुख गंगोत्री धाम से लेकर गंगासागर तक बिल्कुल स्वच्छ है, निर्मल है, अविरल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी को जो नया रूप दिया। बाबा विश्वनाथ धाम को जो नया रूप दिया उससे पूरा जनमानस उद्वेलित है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव और श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से काशी में गंगा में डुबकी लगाई और काशी कॉरिडोर बनाकर देश को समर्पित करके काशी को एक और विशिष्ट पहचान दी उसके लिए साधु समाज और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद उनका तहे दिल से हार्दिक स्वागत करती है।
काशी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में और संत सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरि गिरि महाराज ने फोन पर बताया कि आज काशी का दृश्य देखते ही बनता था और प्रधानमंत्री ने साधु-संतों का पूर्ण सम्मान किया, उन्होंने काशी का कायाकल्प किया उसका अखाड़ा परिषद और संत समाज हार्दिक स्वागत करता है, प्रधानमंत्री को साधुवाद देता है। काशी कॉरिडोर के पूर्ण होने पर काशी का इतिहास आज करवट ले रहा है और मोदी को इतिहास पुरुष के रूप में पूरे देश की जनता और विश्व का हिंदू समुदाय याद करेगा।