कांवड़ मेला। बीईजी आर्मी तैराक दलों ने अब तक 89 कांवड़ियों को डूबने से बचाया, हो रही है सराहना…
हरिद्वार। कांवड़ मेले के दौरान बीईजी आर्मी तैराक दल, जिला अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देशन, अपर जिला अधिकारी पी.एल. शाह एवं डिप्टी कलेक्टर मनीष सिंह के मुख्य संयोजन एवं इंडियन रेडक्रॉस सचिव आर्मी तैराक दल के नोडल अधिकारी डॉ. नरेश चौधरी के संयोजन में हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, मालवीय घाट, कुषाघाट, रोडी बेलवाला घाट, रामघाट, विष्णु घाट, बिरला घाट, अलकनंदा घाट एवं रुड़की गणेश पुल, सोलानी पुल, पिरान कलियर, धनौरी के गंगनहर क्षेत्र में कांवड़ियों को डूबने से बचाने में अपनी सभी मोटर बोटों संसाधनों के साथ जी जान से जुटे हुए। जिसके तहत बीईजी आर्मी तैराक दलों ने अभी तक 89 कांवड़ियों को गंगा में डूबने से बचाया, जिसकी जगह-जगह आर्मी की सराहना की जा रही है। कांवड़ मेले में कांवड़ियों के सैलाब के मध्यनजर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की पहल पर जल पुलिस, एसडीआरएफ के सहयोग के लिए गंगा के विभिन्न घाटों पर बीईजी आर्मी के तैराक दल भी मुस्तैदी से कांवड़ियों/श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाकर जन सहभागिता से सच्ची मानव सेवा कर रहे हैं।
बीईजी आर्मी के कमांडेंट ब्रिगेडियर के.पी. सिंह, कर्नल दीपक बासकंडी, ले. कर्नल प्रतीक गुप्ता के नेतृत्व में सूबेदार लखबीर सिंह, नायब सूबेदार प्रकाश चंद्र, हवलदार अमनदीप सिंह, हवलदार अनिल कुमार, हवलदार मन्दीप सिंह, हवलदार लखविंद्र सिंह, लांस हवलदार अनिल कुमार, हवलदार विपिन कुमार, हवलदार त्रिलोक सिंह, हवलदार श्याम सुंदर घोष, लांस हवलदार संदीप कुमार, लांस हवलदार संजीत घोष, नायक शशिकांत, नायक बप्पा बर्मन, नायक देवब्राटा दास द्वारा कांवड मेला क्षेत्र के विभिन्न गंगा के घाटों पर शिवभक्त कांवड़ियों को गंगा में डूबने से बचाने के लिए तत्परता से 24 घंटे चुनौती पूर्ण सेवा दी जा रही है जिसके लिए भारतीय सेना की कांवड़ियों के साथ जन समाज में कंठ मुक्त से प्रशंसा हो रही है। आर्मी तैराक दल नोडल अधिकारी डॉ. नरेश चौधरी ने अवगत कराया की रेडक्रॉस स्वयंसेवक भी आर्मी तैराक दलों का प्राथमिक उपचार देने एवं कांवड़ियों को गंगा की गहराई में नहीं नहाने तथा पुलों से नहीं कूदने की अपील भी माइकिंग कर सहयोग कर रहे हैं। साथ ही साथ अपार भीड़ को देखते हुए घायलों को मोटर वोट से ही बिरला घाट पर खड़ी एंबुलेंस में पहुंचाने की व्यवस्था भी की गई है जिससे बिना समय गवाएं घायलों को शीघ्र अति शीघ्र चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।