बालकृष्ण के रूप का दर्शन कर उनके विराट स्वरूप को आत्मसात करने का पर्व है जन्माष्टमी -श्रीमहंत रविंद्रपुरी।
हरिद्वार। धर्मनगरी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा, उल्लास और धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मठ-मंदिरों में भव्य झांकियां सजायी गयी। भक्तों ने नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की के जयकारों के साथ बालकृष्ण को पालने में झुलाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी अखाड़ा और चरण पादुका मंदिर में आयोजित जन्माष्टमी समारोह के दौरान सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जन्माष्टमी बालकृष्ण के रूप का दर्शन कर उनके विराट स्वरूप को आत्मसात करने का पर्व है। भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेकर अत्याचार और अनाचार से मानवता को मुक्ति दिलायी और सबके कल्याण और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता के माध्यम से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया है। श्रीकृष्ण के रूप में भगवान के जन्म का पर्व जन्माष्टमी प्रेम और करूणा का संदेश देता है। सभी को भगवान श्रीकृष्ण के जीवन आदर्शो का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान देना चाहिए। अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी, स्वामी राजगिरी, स्वामी रविपुरी, प्रोफेसर सुनील बत्रा, समाजसेवी अनिल शर्मा, भोला शर्मा ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी।