संपत्ति विवाद में संतों ने जताया जान का खतरा, सरकार से सीबीआई जांच की मांग…

हरिद्वार। उदासीन भेष संरक्षक समिति (रजि), उत्तराखंड, भारत के महासचिव महामंडलेश्वर शिवानंद महाराज ने श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा के संतों पर उन्हें अपमानित करने, झूठे मुकदमों में फंसाने के साथ जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले को लेकर माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा मुनि मंडल आश्रम का संरक्षक नियुक्त किए जाने के उपरांत अखाड़े के संत उनसे रंजिश रखने लगे हैं। इस कड़ी में मुनि मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी आनंद राघव और कोठारी मंदाकिनी को भी जान का खतरा है।
मुनि मंडल आश्रम, कनखल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि अखाड़े के संत मनमानी पर उतर आए हैं। मुनि मंडल आश्रम की नीजि संपत्ति पर कुदृष्टि डाले हुए हैं। ऐसे में भविष्य में कोई भी अनहोनी हो सकती है। उन्होंने कहा पुलिस प्रशासन ने अखाड़े सात संतों पर हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन वें चाहते हैं कि मामले की सीबीआई जांच कराई जाएं।‌
म.म. आनन्द राघव मुनि महाराज ने बताया कि 12 जुलाई 2025 को अखाड़े की परम्परा के अनुसार उन्होंने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करते हुए संतों की उपस्थिति में चादर विधि की थी। इसके साथ ही म.म. स्वामी शिवानंद को आश्रम का संरक्षक नियुक्त करते हुए चादर विधि की गयी। बताया कि इसी दौरान सूर्यांश मुनि, जयेन्द्र मुनि, महंत गंगा दास, चन्द्रमा दास आदि बिना बुलाए कार्यक्रम मेें आए और अपने साथियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कार्यक्रम को रूकवाने का प्रयास किया। इतना ही नहीं उक्त लोगों ने गोली मारने तक की धमकी दी। उसी दिन से ये लोग आश्रम पर कब्जे के प्रयास में लगे हुए हैं। वहीं जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहा कि संतों के भेष में कुछ लोग आश्रमोें पर कब्जा करने में लगे हुए हैं। ऐसे लोगों के प्रयास को हिन्दू सेना कभी कामयाब नहीं होने देगी। कहा कि जिन लोगों को कार्यक्रम में बुलाया तक नहीं उन्होंने यहां आकर उपद्रव किया। लगातार धमकियां मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। पुलिस आरोपितों के दबाव में आकर काम कर रही है। उन्होंने कहाकि आश्रम पर किसी भी कीमत पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान कोठारी मंदाकिनी मुनि, धीरेन्द्र स्वरूप, विवेक स्वरूप, देव प्रकाश आदि मौजूद रहे।

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