इमैक समिति ने भारतीय संस्कृति की एक झलक और आत्मनिर्भर महिला थीम के साथ मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, जानिए…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। सोमवार को इमैक समिति ने भारतीय संस्कृति की एक झलक और आत्मनिर्भर महिला थीम के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। नारी सशक्तिकरण को लेकर सिडकुल के एक होटल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि के रूप में सिडकुल इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण सारस्वत, एंजल्स एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रधानाचार्या रश्मि चौहान, समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, समिति के अध्यक्ष आशीष कुमार झा और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के साथ महिला समूहों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया। विभिन्न राज्यों की परंपरागत वेशभूषा में महिलाओं और युवतियों ने नृत्य-संगीत से ऐसा समां बांधा की लोग उनके प्रदर्शन को अपलक निहारते रह गए। गढ़वाली, कुमांऊनी, मराठी, राजस्थानी, तमिल आदि लोक संस्कृति को दर्शाते परम्परागत प्रदर्शन ने मंच पर भारत की वास्तविक संस्कृति को प्रस्तुत किया। विभिन्न ग्रुप बना कर बेहतर प्रस्तुति देने वाली महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस कार्यक्रम में जो महिलाएं अपने कौशल से आत्मनिर्भर होकर कला के उत्पाद बना रही हैं उनको भी स्टाल लगा कर प्रदर्शित किया गया। ये एक अनोखा मिश्रित प्रयोग इमैक समिति द्वारा किया गया। चित्रकारी और क्राफ्ट के उत्पादों को कार्यक्रम में आये सभी लोगों ने सराहा और महिलाओं के उत्पादों को खरीद उनका मनोबल भी बढ़ाया।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि अरुण सारस्वत ने कहा कि आज वक्त बहुत बदल चुका है और महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुष से कमतर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज के लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है। “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” की ब्रांड अम्बेसडर डॉ. मनु शिवपुरी ने बताया कि आज की नारी सक्षम, शिक्षित है और घर से बाहिर निकल कर कार्य कर रही है। अगर राष्ट्र को विकसित बनाना है तो हम सब को मिलकर उन बच्चियों के भविष्य के बारे में सोचना होगा जो स्कूल नहीं जा पाती हैं।
समिति के अध्यक्ष आशीष कुमार झा ने बताया कि जिनके द्वारा कोविड काल मे इमैक समिति को सेवा कार्य हेतु सहयोग प्राप्त हुआ था उनको हम आज यहां सम्मानित भी कर रहे हैं, चूंकि कोरोना काल मे कोविड नियमो के कारण कोई कार्यक्रम करने का अवसर नहीं मिल सका था। सम्मानित होने वाले व्यक्तियों को कोरोना योद्धा सम्मान पत्र दिए गए जिनमें अरुण सारस्वत, रश्मि चौहान, गगन शर्मा, राजन शर्मा, वैक्सीनशन नोडल अधिकारी डॉ. कोमल सहरावत, संजीव गुप्ता, प्रदीप शर्मा, डॉ. विशाल गर्ग और विकास गर्ग मुख्य रहे।
कार्यकम को संयोजित करने में मुख्य भूमिका ईमैक समिति की सचिव मौसमी गोयल, कोर सदस्या सुनीता झा और आशा चौधरी की रही। आप तीनों ने बताया कि हमने इस बार संस्कृति को अपना मुख्य विषय चुना था। कार्यक्रम की शुरुआत समिति की उपाध्यक्ष हेमा भंडारी ने महिला दिवस के महत्व के बारे में बताते हुए की। मंच संचालन समिति की युवा टीम की वैष्णवी झा और अनन्या भटनागर ने किया। अनन्या भटनागर ने गणेश वंदना, कविता और वैष्णवी झा ने महिला सशक्तिकरण पर सुंदर नृत्य भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में समिति के कोषाध्यक्ष विभव भटनागर द्वारा 26 जनवरी को समिति द्वारा बनाया गया देशभक्ति का म्यूजिकल वीडियो भी दिखाया गया। अभिनंदन गुप्ता और मनोज शुक्ला भी उपस्थित रहे।
महिला प्रतियोगियों को जज करने में निर्णायक की भूमिका गीता भटनागर, सरोज जैन और करुणा चौहान ने निभाई।
कार्यक्रम में अनेकों महिलाओं ने अपनी कला का प्रदर्शन किया जिनमें मुख्य रूप से समिति की कोर सदस्या श्वेता भटनागर के अलावा देबाश्री चक्रवर्ती, आस्था गोयल, स्वाति उपाध्याय, स्नेहा खुराना, कविता गोयल, मनीषा आहूजा, डॉ. अर्पिता सक्सेना, सुनीति त्यागी, राजकुमारी, मीना आर्या, ईशा शिवपुरी, वंदना सिंह, मधु उपाध्याय, अंजली, प्रेरणा, सविता मित्तल आदि रहे।
समिति की युवा टीम ने कर्मठता के साथ आयोजन में सहयोग किया जिनमे गार्गी अनेजा, तरुण वोहरा, आशु वर्मा, आकाश गुंसारिया, आशीष कटारिया, रुचि डबराल, वाणी उजलायन, पुकार गहलोत, मयंक आदि थे। इनके अलावा आदित्य उपाध्याय, अनूप सहाय, राखी धवन, संजीव कौशिक आदि उपस्थित रहे।