एड्स दिवस पर डाॅ. सत्यनारायण शर्मा ने किया संवाद…

हरिद्वार। राष्ट्रीय एडस नियंत्रण संगठन ने समूचे भारत को एडस मुक्त बनाने की रणनीति बना ली है, जिसका 2030 तक समाप्ति का लक्ष्य रखा गया है। एडस जैसी बीमारी की कोई दवा नहीं है, इसका सिर्फ जागरूकता और स्वयं का बचाव ही इलाज है। शुक्रवार को उक्त विचार डाॅ. सत्य नारायण शर्मा ने एसएमजेएन काॅलेज में आयोजित प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के मध्य एडस् डे के दौरान संवाद के जरिये व्यक्त किये।
डाॅ. सत्यनारायण ने बताया कि चिकित्सा विज्ञान के अनुसार एडस कोई बड़ी गंभीर बीमारी नहीं है। आत्मसंयम एवं अनुशासन से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता हैं। एडस का निवारण सिर्फ सतर्कता और जागरूकता से हो सकता है।

इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा, डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. रेनू सिंह, डाॅ. अनुरीषा, डाॅ. मनोज कुमार सोही, विनीत सक्सेना, प्रिंस श्रोत्रिय आदि उपस्थित थे।

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