क्या आप आप जानते हैं गलत तरीके से नहाने से हो सकता है ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक, जानिए नहाने का सही तरीका

नहाने का वैज्ञानिक तरीका

अपने स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन के लिये इस पोस्ट को अवश्य पढे और पढ़ायें.

हरिद्वार। क्या आपने कभी अपने आस पास ध्यान से देखा या सुना है कि नहाते समय बुजुर्ग को लकवा लग गया? कनखल के प्रसिद्ध वैद्य दीपक कुमार स्वास्थ्य लाभ में बता रहे हैं नहाने का सही तरीका,

आप अक्सर सुनते होगे कि दिमाग की नस फट गई ( ब्रेन हेमरेज), हार्ट अटैक आ गया |

छोटे बच्चे को नहलाते समय वो बहुत कांपता रहता है, डरता है और माता समझती है की नहाने से डर रहा है,

लेकिन ऐसा नहीँ है; असल मे ये सब गलत तरीके से नहाने से होता है ।

दरअसल हमारे शरीर में गुप्त विद्युत् शक्ति रुधिर (खून) के निरंतर प्रवाह के कारण पैदा होते रहती है, जिसकी स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक दिशा ऊपर से आरम्भ होकर नीचे पैरो की तरफ आती है।

सर में बहुत महीन रक्त् नालिकाये होती है जो दिमाग को रक्त पहुँचाती है।

यदि कोई व्यक्ति निरंतर सीधे सर में ठंडा पानी डालकर नहाता है तो ये नलिकाएं सिकुड़ने या रक्त के थक्के जमने लग जाते हैं

और जब शरीर इनको सहन नहीं कर पाता तो ऊपर लिखी घटनाएं वर्षो बीतने के बाद बुजुर्गो के साथ होती है।

सर पर सीधे पानी डालने से हमारा सर ठंडा होने लगता है, जिससे हृदय को सिर की तरफ ज्यादा तेजी से रक्त भेजना पड़ता है, जिससे या तो बुजुर्ग में हार्ट अटैक या दिमाग की नस फटने की अवस्था हो सकती है।

ठीक इसी तरह बच्चे का नियंत्रण तंत्र भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है जिससे बच्चे के काम्पने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है , और माँ समझती है की बच्चा डर रहा है ।

गलत तरीके से नहाने से बच्चे की हृदय की धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है स्वयं परीक्षण करिये।

तो आईये हम आपको नहाने का सबसे सही तरीका बताते है |

बाथरूम में आराम से बैठकर या खड़े होकर सबसे पहले पैर के पंजो पर पानी डालिये , रगड़िये, फिर पिंडलियों पर, फिर घुटनो पर, फिर जांघो पर पानी डालिये और हाथों से मालिश करिये|

फिर हाथो से पानी लेकर पेट को रगड़िये | फिर कंधो पर पानी डालिये, फिर अंजुली में पानी लेकर मुँह पर मलिए | हाथों से पानी लेकर सर पर मलिए।

इसके बाद आप शावर के नीचे खड़े होकर या बाल्टी सर पर उड़ेलकर नहा सकते है।

इस प्रक्रिया में केवल 1 मिनट लगता है लेकिन इससे आपके जीवन की रक्षा होती है। और इस 1 मिनट में शरीर की विद्युत प्राकृतिक दिशा में ऊपर से नीचे ही बहती रहती है क्योंकि विद्युत् को आकर्षित करने वाला पानी सबसे पहले पैरो पर डाला गया है।

बच्चे को इसी तरीके से नहलाने पर वो बिलकुल कांपता डरता नहीं है।

इस प्रक्रिया में शरीर की गर्मी पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है आप कितनी भी सर्दी में नहाये कभी जुखाम बुखार नहीं होगा

यह छोटे बच्चों ,बुज़ुर्गों के लिये बहुत उपयोगी है ।

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