मदन कौशिक को चुनौती देना मनीष सिसोदिया को पड़ा भारी, कानूनी नोटिस जारी, जानें पूरा मामला

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण

हरिद्वार। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को प्रदेश में विकास कार्य को लेकर बहस के लिए चुनौती देना का दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। हरिद्वार जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदोरिया ने मनीष सिसोदिया को कानूनी नोटिस भेजकर अपने इस गैर जिम्मेदाराना कार्य के लिए 48 घंटे के भीतर प्रदेश की जनता से माफी मांगने की मांग की गई है ऐसा ना करने पर मनीष सिसोदिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है ।

अरुण भदोरिया ने कानूनी नोटिस में लिखा है कि आप मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री के पद पर हैं। आप एक तरफ उत्तराखंड प्रदेश के हरिद्वार विधान सभा सीट से लगातार चार बार के विधायक , शहरी विकास मंत्री और प्रदेश के प्रवक्ता मदन कौशिक को विकास के मुद्दे को लेकर बहस चुनौती दे रहे हैं । परंतु बड़े ही हास्यपद तथ्य है कि आपकी आप पार्टी के विधायक दिल्ली में विकास के मुद्दे को लेकर केजरीवाल सरकार पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। दिल्ली कि सुल्तानपुरी विधानसभा क्षेत्र से आपकी पार्टी के विधायक संदीप वाल्मीकि ने फेसबुक लाइव करके केजरीवाल सरकार पर कई आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान वाल्मीकि समाज को तरह-तरह के प्रलोभन देकर आपने उनके वोट लिए और उस समय सीवर की सफाई मशीनों से करवाने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज भी वाल्मीकि समाज के लड़के नालों के भीतर जाकर गंदे नालों की सफाई कर रहे हैं और मौके पर ना कोई एंबुलेंस या कोई रस्सी रहती है। आपने बाल्मीकि समाज को ठगने का काम किया है, यह आरोप आपके पार्टी के विधायक ही लगा रहे हैं नोटिस में यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार यह बताएं कि आपको केंद्र सरकार से विकास के लिए कितना फंड मिलता है और आपने कितना फंड बचाया है और दिल्ली सरकार पर कितना कर्जा है ।

नोटिस में कहा गया है कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक प्रदेश के प्रवक्ता की जिम्मेदारी के साथ साथ इस समय हरिद्वार में चल रहे कुम्भ के कार्यों में भी व्यस्त हैं ऐसे में आपने उन्हें बहस की चुनौती देकर अपनी छोटी सोच का परिचय दिया है और यह गैर जिम्मेदाराना कार्य किया है आपका कार्य नियम व कानून के विरुद्ध है इसलिए नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर आप प्रदेश की जनता से माफी मांगे, नहीं तो आप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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