प्रेमनगर आश्रम में दो दिवसीय सद्भावना सम्मेलन के प्रथम दिन रक्तदान शिविर का किया गया आयोजन…
हरिद्वार। बुधवार को श्री प्रेमनगर आश्रम द्वारा आयोजित दो दिवसीय सद्भावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए आध्यात्मिक गुरु व उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जीवन में परिवर्तन चाहते हो तो समय के सद्गुरु से ज्ञान प्राप्त कर साधना करो, अध्यात्म से ही परिवर्तन आएगा। इसलिए युग परिवर्तन के लिए हमें आसमान को नही बदलना, युग परिवर्तन के लिए हवा और पानी को नही बदलना है, युग परिवर्तन के लिए मानव के मन को बदलना है। जब अध्यात्म से मानव का मन बदलेगा तब युग परिवर्तन होगा।
सम्मेलन में अपार जन समुदाय को संबोधित करते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि आज हमें यह देखना होगा कि अध्यात्म से हमारा देश कैसे आगे बढ़े? आप जानते हैं कि बहुत तेजी से देश में विकास हो रहा है और जगह-जगह विद्यालय, यूनिवर्सिटीज खुलती जा रही हैं, आई.टी. शिक्षालय खुलते जा रहे हैं पर क्या कारण है कि आज समाज के अंदर विवेकानंद, महाराणा प्रताप पैदा नहीं हो पा रहे हैं, आज झांसी की रानी पैदा नहीं हो पा रही है, क्योंकि हम अध्यात्म को भूल गए। जब आध्यात्म को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे, तो विवेकानंद भी पैदा होंगे, महाराणा प्रताप भी पैदा होंगे और झांसी की रानी भी पैदा होंगी। अध्यात्म की शक्ति से ही युग परिवर्तन होगा, ज़ब सभी देशवासी अध्यात्म की शक्ति को जानेंगे तभी भारत विश्व गुरु बनेगा।
सतपाल महाराज के पावन जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में दो दिवसीय सदभावना सम्मेलन के प्रथम दिन एम्स ऋषिकेश व श्री हरमिलाप जिला अस्पताल हरिद्वार के संयुक्त सहयोग से एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में लगभग 422 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था जिसमें लोगों द्वारा 182 यूनिट रक्तदान किया गया। शिविर में पधारे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष दत्त ने सभी रक्तदाताओं को रक्तदान करने के प्रति प्रेरित किया और रक्तदान करने के फायदे भी बताए।
शिविर के मुख्य अतिथि डॉ. मनीष दत्त (सीएमओ, हरिद्वार) सहित एम्स ऋषिकेश और जिला अस्पताल हरिद्वार के वरिष्ठ डॉक्टरो की टीम, श्री प्रेमनगर आश्रम के प्रबंधक रामणिक भाई, पवन भाई, महात्मा हरिसंतोषानंद, आनंदी प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। शिविर में रिंकू भाई, हेमेंद्र भाई, ललित भाई सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थिति रहे।
कार्यक्रम से पूर्व सतपाल महाराज, माता अमृता व अन्य अतिथिगणों का माल्यापर्ण कर स्वागत किया गया। अनेक भजन गायक कलाकारों ने अपने भजनों से श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। मंच संचालन महात्मा हरिसंतोषानंद ने किया।