आयुष एवं आयुष शिक्षा सचिव डॉ.पंकज पाण्डेय ने की उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की समीक्षात्मक बैठक…
हरिद्वार। आयुष एवं आयुष शिक्षा सचिव डॉ.पंकज पाण्डेय ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की समीक्षात्मक बैठक की। आयुष एवं आयुष शिक्षा सचिव डॉ.पंकज पाण्डेय ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की बिन्दुवार जानकारियां विश्वविद्यालय के अधिकारियों से लेते हुये समीक्षा की। डॉ.पंकज पाण्डेय ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सभी पटल के सम्बन्धित अधिकारियों को पारदर्शिता के साथ समय से कार्यों का त्वरित गति से निस्तारण करना होगा। शासन जो आवश्यक सूचनाऐं मांगता हैं उन सभी सूचनाओं को निर्धारित प्रारूप पर सर्वोंच्च प्राथमिकता से समय से देना होगा। डॉ.पंकज पाण्डेय ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अरूण कुमार त्रिपाठी, कुलसचिव प्रो.अनूप कुमार गक्खड़, वित्त नियत्रंक आनन्द सिंह को विशेष रूप से कड़े निर्देशन देते हुये कहा कि आयुष विभाग में आयुर्वेद की छवि को अपन राज्य उत्तराखण्ड में किसी भी कीमत पर धूमिल नहीं होने देना है। डॉ.पंकज पाण्डेय ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी कालेज में नीट परीक्षा उत्तीर्ण किये बगैर कोई भी छात्र-छा़त्रा का प्रवेश नहीं होना चाहिए। यदि शासन के संज्ञान में कोई भी नियम विरूद्ध कार्य किया गया तो सम्बन्धित अधिकारियों एवं संस्था के खिलाफ कड़ी से कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। डॉ.पंकज पाण्डेय ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की यदि किसी कालेज पर धनराशि बकाया है तो उसे तुरन्त जमा करना होगा। आयुष सचिव डॉ.पंकज पाण्डेय ने कुलसचिव डॉ.अनूप गक्खड़ को अपने स्तर से भी सम्बन्धित संस्थाओं को पत्राचार के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही हेतु उचित दिशा निर्देश दिये। आयुष सचिव ने बजट से सम्बन्धित आख्या भी सम्बन्घित अधिकारियों से आयुष एवं वित्त विभाग को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। आयुष सचिव डॉ.पंकज पाण्डये ने कहा कि सभी अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाये रखते हुये शासन से परस्पर सामंजस्य स्थापित करते हुये अपने दायित्वों का निर्वहन करना है। इस समीक्षा बैठक में आप सभी को मात्र चेतावनी है कि भविष्य में समय रहते हुये सुधार नहीं किये तो कड़ी कार्यवाही के लिए भी मानसिक रूप से भी तैयार हो जायें। आयुष सचिव डॉ.पंकज पाण्डेय ने कहा कि शासन के अधिकारियों से भी आकस्मिक रूप से कालेज/संस्थाओं का निरीक्षण कराया जायेगा। यदि कोई शिकायत या कमियां पाई जाती हैं तो उसको यदि समय से ठीक नहीं किया गया तो दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। डॉ.पंकज पाण्डेय ने कठोर शब्दों में सभी आयुर्वेद कालेजों की शिक्षण गुणवत्ता बनाये रखने पर विशेष जोर देते हुये कहा कि अगर उत्तराखण्ड को आयुर्वेद प्रदेश बनाना है तो हम सभी को एक जुट होकर बिना किसी भेद भाव के अपने अपने दायित्वों का समर्पित भावना से निर्वहन करना होगा। बैठक में शासन से आयुष विभाग से अपर सचिव डॉ.विजय कुमार जोगदंडे, उप सचिव गजेन्द्र सिंह कफलिया, अनुसचिव ज्योति सिंह, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अरूण कुमार त्रिपाठी, कुलसचिव प्रो.अनूप कुमार गक्खड़, वित्त नियंत्रक आनन्द सिंह, उपकुलसचिव संजीव पाण्डेय, डॉ.बालकृष्ण पंवार, ऋषिकुल परिसर से रचना शारीर विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) नरेश चौधरी उपस्थित थे।