अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद का दो दिवसीय चिंतन शिविर का पतंजलि योगपीठ में हुआ शुभारंभ, जानिए…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद द्वारा पतंजलि योगपीठ के फेस-02 में आयोजित राष्ट्रीय द्विदिवसीय चिन्तन शिविर के उद्धाटन सत्र में मुख्य अतिथि के पद से बोलते हुए पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज दुनिया धर्म को लेकर के कहीं ना कहीं भारतवर्ष की ओर निहार रही है क्योंकि भारत वर्ष अपने शास्त्रों के तौर तरीकों से चलता है जिसमें ब्राह्मणों का सर्वाधिक योगदान है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद शब्द के अंदर ही इसका अर्थ भी निहित है। सारे कार्य स्वयं से प्रारंभ होते हैं जो अपना मित्र नहीं बना सकता है दूसरों से अपेक्षा नहीं कर सकता, जहां तक ब्राह्मण और ब्राह्मणत्व का संबंध है तो ब्राह्मण इसीलिए है क्योंकि उसके अंदर ब्राह्मणत्व है। जब ब्राह्मण के अन्दर संस्कारों द्वारा ब्राह्मणत्व आयेगा तो उसके अस्तित्व को कोई मिटा नहीं सकता है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज हम अपनी पहचान को खो रहे हैं जो हमारे प्रतीक चिन्ह हैं उनका अस्तित्व जिन्दा रखना है। भारत वर्ष की पहचान हमारे धर्मशास्त्रों से है और धर्मशास्त्र तभी तक जिन्दा हैं जब तक ब्राह्मण है। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया पर ब्राह्मणों के प्रति अनर्गल एवं असत्य बातें लिखी जा रही हैं जिनका हमें शोध के साथ विरोध करने की आवश्यकता है। आज अज्ञानी अपनी अज्ञानता की वजह से स्वार्थवश जिनको शास्त्रों का ज्ञान नहीं है उन पर चर्चा कर धर्म की हानि करते हैं और बदनाम ब्राह्मण होते हैं।
विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य करूणेश मिश्र ने कहा कि आज हमें आने वाली पीढी को अपने संस्कारों के प्रति जागरूक करना है और अपने सम्मान को समाज में कैसे कायम रखना है यह विचार करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय महासचिव श्याम शंकर शुक्ला ने परिषद की कार्य योजना रखते हुए कहा कि अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद 25 राज्यों में काम कर रहा है और सोशल मीडिया पर डेढ़ से दो लाख लोग जुड़े हैं। परिषद विशेष तौर शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में कार्य कर रही है।
इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव रेनु पाठक, प्रदेेश संयोजक उत्तराखण्ड जे.पी. जुयाल, प्रवीण मिश्र, प्रमोद मिश्र, संजय शुक्ला, हरि शुक्ला, आशीष शर्मा, बालकृष्ण शास्त्री, डॉ. वी.डी. शर्मा, सूर्य प्रकाश शर्मा, सचिन गौतम, आलोक शर्मा, उमाकान्त ध्यानी, युगुल किशोर पाठक सहित कई प्रदेशों के पदाधिकारी एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष मनोज गौतम ने सभी का आभार व्यक्त किया। सत्र का संचालन कवि सुनील द्विवेदी ने किया।