विश्व दृष्टि दिवस पर जिला चिकित्सालय में नेत्रदान एवं नेत्र विकार के लिए जागरूकता के लिए गोष्ठी का हुआ आयोजन…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय हरिद्वार में नेत्रदान एवं नेत्र विकार के लिए जागरूकता के लिए एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रमुख अधीक्षक डॉ. सी.पी. त्रिपाठी ने तथा संचालन दिनेश लखेड़ा ने किया। इस दौरान चार मरीजों की आंखों का ऑपरेशन कर लेंस प्रत्यारोपण किया गया तथा 40 रोगियों का ओपीडी को सलाह और उपचार दिया गया।।
जिला चिकित्सालय हरिद्वार के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. सुब्रत अरोड़ा द्वारा गोष्ठी में उपस्थित सभी को जीते जी रक्तदान मरणोपरांत नेत्रदान के लिए प्रोहत्साहित किया गया और अंधता के विभिन्न कारणों की संक्षेप में जानकारी दी गई, एक नेत्रदाता द्वारा किये गए नेत्रदान के द्वारा चार लोगो को रोशनी मिल सकती है।
डॉ. एस.के. सोनी वरिष्ठ नेत्र सर्जन ने काला मोतिया, सफ़ेद मोतिया, भेंगापन, डायबीटिक रेटिनोपैथी, नवजात शिशु में रेटिनोपैथी के लिए जागरूक रहने की सलाह दी।
डॉ. चन्दन मिश्रा वरिष्ठ नेत्र सर्जन द्वारा बताया गया कि सात साल तक आखो का पूर्ण विकास हो जाता है अतः 07 साल के बाद दृष्टि दोष के आपरेशन का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है, सात साल से पहले के उपचार का शत प्रतिशत लाभ प्राप्त होता है, इसलिये सलाह उपचार में विलम्ब न करे। 10 साल से डायबीटिक रोगी अपने रेटिना/पर्दे की जाँच प्रतिवर्ष कराये। अनजाने में स्टेराइड युक्त आई ड्राप को डालने से बचें नही तो आँखों को नुकसान पहुंच सकता है।
जिला चिकित्सालय हरिद्वार में काला मोतिया, मोतियाबिंद दृष्टिदोष, और परदे की जाँच की सुविधा उपलब्ध हैं।
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शशिकांत ने बच्चों में कुपोषण और विटामिन ए की कमी से नेत्र विकार के बारे विस्तार से बताया।
प्रमुख अधीक्षक डॉ. सी.पी. त्रिपाठी ने बताया कि 23वां विश्व दृष्टि दिवस पर जागरूकता कर रहे हैं हमें अपने आसपास के लोगो को नेत्रदान, और नेत्र विकार के सम्बन्ध में जागरूक करना चाहिए अगर हम आसपास के किसी भी बच्चे के नेत्रविकार को बचा सके और नेत्रदान के लिए जागरूक कर सके तो हमारा स्वास्थ्य विभाग में रहना सफल हो जायेगा साथ ही उन्होंने अच्छी और ज्ञानवर्धक जानकारी देने के लिए चिकित्साधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
विश्व दृष्टि दिवस गोष्ठी में डॉ. संदीप टंडन, डॉ. चन्दन मिश्रा, डॉ. सुब्रत अरोड़ा, डॉ. एस.के. सोनी, डॉ. शशिकांत, डॉ. रविंद्र चौहान, डॉ. संजय त्यागी, डॉ. रामप्रकाश, डॉ. पंकज, डॉ. हितेन जंगपांगी, डॉ. विपिन पोखरियाल, सिस्टर मनोरमा, उषा देवी, अनुपमा, आशा शुक्ला, हिमांशु जोशी, फार्मेसिष्ट पी.सी. रतूड़ी, डी.पी. बहुगुणा, एस.पी. चमोली, प्रदीप मौर्य, अमित, विनोद तिवारी, नवीन बिंजोला, वासुदेव न्यूली, राजन बडोनी, धीरेंद्र, रविंद्र, विपिन रावत, कीर्ति शर्मा, नेहा, मिथलेश, माधुरी रावत, फूलमती, आदर्श मणि, अजित रतूड़ी, राहुल यादव, लाल खान, राजेश पन्त, मंजू शर्मा, दिनेश लखेड़ा और बीएएमएस, फार्मेशिस्ट, जी.एन.एम. के इंटर्न्स भी उपस्थित रहे।