शिवडेल स्कूल जगजीतपुर में हैप्पीनेस इंजीनियरिंग कार्यशाला का हुआ आयोजन…

हरिद्वार। रविवार को शिवडेल स्कूल जगजीतपुर के प्रांगण में हैप्पीनेस इंजीनियरिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता डॉक्टर अरुण भारद्वाज (मोटिवेशनल स्पीकर) ने “आचार्यधर्म-जीवन को बदलने की शिक्षा एवं शिक्षा में नवाचार” विषय पर सभी उपस्थित प्रतिभागियों को सम्मलित कर विचारो का आदान प्रदान किया। उन्होंने बताया कि शिक्षक कैसे अपनी कक्षा में बच्चों के साथ जुड़े, उनकी समस्याओं को समझें व उनका समाधान करें। उन्होंने कहा कि अध्यापक जब स्वयं तनावमुक्त होगा तभी वह प्रसन्नचित्त होकर बच्चों के अंदर की नकारात्मकता, पढ़ाई के प्रति उदासीनता दूर कर उन्हें सकारात्मक विचार प्रदान कर सकेगा। उनके अनुसार हर गलती हमें कोई सीख देती है और हर असफलता के पीछे एक सफलता छुपी होती है। हमें अपने शब्दों, आहार, विहार, विचार व व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए क्युकि ये हमारी मानसिकता एवं नजरिये पर प्रभाव डालते है। हमें प्रसन्न चित्त, दृढ़ संकल्प होकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना चाहिए। उन्होंने शिक्षको को अपनी पूर्णता का एहसास करने के लिए तथा उनको प्रेरित करने की दृष्टि से हैप्पीनेस टेक्नोलॉजी के अनेक उदहारण दिए तथा अध्यापको से प्रयोग भी कराए।

डॉ. अरुण भरद्वाज अंतर्राष्ट्रीय मुख्य वक्ता तथा इंजीनियरिंग हैप्पीनेस के वश्विक विचारिक लीडर हैं, उनके कार्यक्रम उनकी अनुभवात्मक शिक्षा, तंत्रिका विज्ञान, आधुनिक अनुसंधान और प्राचीन ज्ञान के सिद्धांत का एक शक्तिशाली मिश्रण है।
कार्यशाला का शुभारम्भ स्वामी शारदानंद वेद विद्यालय कनखल के विद्यार्थियो द्वारा मंत्रोचारण द्वारा किया गया। शिवडेल परिवार के संस्थापक स्वामी शरद पुरी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर डॉक्टर अरुण भारद्वाज का स्वागत किया तथा उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षकों को तनावमुक्त होकर प्रायोगिक ज्ञान के साथ विद्यार्थियों में से नकारत्मकता को निकल कर सकारात्मक उर्जा का संचार करना चाहिए।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर प्रज्ञा पुरी, स्वामी हरिहरानंद पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या सुश्री हेमा पटेल, शिवडेल स्कूल जगजीतपुर के प्रधानाचार्य अरविन्द कुमार बंसल, शिवडेल स्कूल भेल के प्रधानाचार्य पुनीत श्रीवास्तव, उपप्रधानाचार्या सुश्री मिनाक्षी मेहता तथा शिवडेल स्कूल जगजीतपुर के समन्वयक विपिन मलिक एवं अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित रही।

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