कुम्भ मेले में पाबंदी से संत नाराज, केंद्र व राज्य सरकार से सवाल, क्या धार्मिक आयोजन देखकर आता है कोरोना, राजनीतिक रैलियों में नहीं जाता है कोरोना? स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

haridwar /Tushar Gupta

 

 

कुंभ नगरी हरिद्वार में आज से कुंभ मेला 2021 शुरू हो गया है, मेले में आने वाले श्रद्धालुओं पर राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि कोरोना बीमारी क्या धार्मिक आयोजन देखकर आती है और जब राजनीतिक चुनाव या रैलियां होती हैं तो वहां पर कोरोना नहीं जाता है, उन्होंने कहा कि निरंतर चुनाव हो रहे हैं पहले करोना कॉल में बिहार चुनाव संपन्न हुआ और अब पश्चिम बंगाल में चुनाव चल रहा है, वहां पर कोरोना की पाबंदी नहीं लगाई गई हैं, जबकि 12 साल में एक बार आने वाले आस्था और धर्म के इस पर्व कुंभ मेले में तरह-तरह की रोक लगा दी गई हैं जो लोग 12 साल से इस पल का इंतजार कर रहे थे, उन्हें एक तरह से यह कह दिया गया है कि आप यहां पर नहीं आ सकते हैं, अगर आपको आना है तो 72 घंटे की कोविड की नगिटिव रिपोर्ट और पंजीकरण कराकर यहां पर आएं, उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनावों में मोदी के मंच पर लोग सट के खड़े हुए हैं, लाखों की भीड़ जमा हो रही है 2 गज की दूरी कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रही है, जब एक देश है और एक ही रोग है तो दो तरह के मापदंड केंद्र सरकार और राज्य सरकार क्यों अपना रही हैं, उन्होंने क्या है कि केंद्र की सरकार जिस तरह से बिहार और पश्चिम बंगाल में लोगों को करोना से बचा रही है उसी तरह से हरिद्वार के कुंभ में भी बचाये है, यदि वहां पर सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है तो कुंभ मेले में भी लोगों को भगवान भरोसे छोड़ देना चाहिए, जो लोग इस पल में गंगा स्नान करना चाहते हैं वह बिना किसी पाबंदी के हरिद्वार आ सके और गंगा स्नान कर सके।

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