राज्य स्थापना दिवस पर एसएमजेएन महाविद्यालय में किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन…
हरिद्वार। गुरुवार को एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर दिवस पर प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा तथा अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी द्वारा काॅलेज में निर्मित शौर्य दीवार पर शहीदों को नमन कर काॅलेज के व्याख्यान कक्ष में माँ सरस्वती की वन्दना कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आज स्थानीय एसएमजेएन (पीजी) कॉलेज हरिद्वार में राज्य स्थापना दिवस उत्तराखंड धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीए एस.के. टिब्बरवाल रहे।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज का संदेश प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने सुनाया। श्रीमहन्त ने राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए अपने बधाई संदेश में कहा कि सर्वप्रथम मैं राज्य आन्दोलनकारियों को प्रणाम करता हूँ जिनके बलिदान और साहस के बिना उत्तराखण्ड राज्य के सपने को साकार करना सम्भव नहीं था। श्री महन्त ने कहा कि प्रगति के पथ पर अग्रसर, प्राकृतिक सम्पदा और नैसर्गिक सौन्दर्य से भरपूर यह प्रदेश ऐसे ही विकास की नित नई ऊंचाईयों को छूता रहे। उन्होंने युवाओं से प्रदेश के विकास में सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि सभी प्रदेश के समग्र विकास और समृद्धि हेतु अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में बोलते हुए कहा कि आज उत्तराखंड राज्य को बने हुए 23 वर्ष बीत चुके हैं और यह राज्य स्थापना दिवस एक अवसर लेकर आया है कि यह युवा राज्य अपने आने वाले भविष्य को संवारने के लिए सभी उपक्रम करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की उद्यम नीति इस बात का जीता जाता प्रमाण है कि वह दिन दूर नहीं जब प्राकृतिक संपदा और भौगोलिक सौंदर्य से भरपूर यह राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा।
मुख्य अतिथि एस.के. टिबरवाल ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड राज्य और उसके निवासियों में देश प्रेम और बलिदान कूट-कूट कर भरा हुआ है और सही अर्थों में यह राज्य पूरे देश का मस्तक है यह इस राज्य के प्रत्येक निवासी का कर्तव्य है कि वह अपने तन-मन-धन से इस राज्य की सेवा करें। उन्होंने उत्तराखंड राज्य के युवाओं को राज्य स्थापना दिवस की विशेष बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर संजय कुमार माहेश्वरी ने किया उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए रेखांकित किया की उत्तराखंड आंदोलन इस बात का जीता जागता प्रमाण है कि यह राज्य कभी भी अपने कर्तव्य पथ से पीछे नहीं हटा।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग प्रस्तुति भी दी गई अन्नया भटनागर द्वारा एक नृत्य नाटिका का प्रदर्शन किया गया और गौरव बंसल द्वारा रामायण का संगीत पूर्ण मंचन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न प्रस्तुति दी गयी जिसमें कु. चारू ने ‘हम उत्तराखण्डी छां’, डाॅ. अमिता मल्होत्रा ने ‘हुस्न पहाड़ों का’ तथा ‘नृत्य धरती उत्तराखण्ड की’ गीत की सुन्दर प्रस्तुति दी तथा अन्नया भटनागर द्वारा गढ़वाली व कुमाऊनी गीतों को प्रस्तुत किया। सूक्ष्म रामलीला में आरती असवाल, मानसी वर्मा, इशिका, चारू, रिया, कामाक्षा तथा अंशिका द्वारा सुन्दर प्रस्तुति दी गयी। समस्त प्रतिभागियों को काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा द्वारा आभारित भी किया गया।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष विनय थपलियाल ने यह याद दिलाया कि आज का यह अवसर उत्तराखंड के समस्त शहीदों बलिदानियों को याद करने का अवसर है और उन्होंने यह अपेक्षा की की जल्द से जल्द उत्तराखंड शहीदों के साथ न्याय स्थापित हो सकेगा।कार्यक्रम में डाॅ. मन मोहन गुप्ता, प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, डाॅ. सुषमा नयाल, वैभव शर्मा, डाॅ. विजय शर्मा, डाॅ. रजनी सिंघल, डाॅ. पल्लवी राणा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. विनीता चैहान, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. पुनीता शर्मा, डाॅ. पदमावती तनेजा, विनीत सक्सेना, आंकाक्षा पाण्डेय, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, श्रीमती रूचिता सक्सेना, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, कु. भव्या भगत, डाॅ. वन्दना सिंह, डाॅ. अनुरीषा, कु. साक्षी गुप्ता, शाहिन, दिव्यांश शर्मा, मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि उपस्थित थे।