जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद जी सरस्वती महाराज के असामयिक निधन पर जूना अखाड़े के संतों नागा सन्यासियों में शोक की लहर…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। शारदापीठ व ज्योतिष पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद जी सरस्वती महाराज के असामयिक निधन पर जूना अखाड़े के संतों नागा सन्यासियों में शोक की लहर दौड़ गई। रविवार को जूना अखाड़ा में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत प्रेम गिरी महाराज की अध्यक्षता व अंतर्राष्ट्रीय सचिव श्री महेश पुरी जी के संचालन में हुई शोकसभा में संतों एवं नागा संन्यासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा में श्री महंत प्रेम गिरी महाराज ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शंकराचार्य महाराज के ब्रह्मलीन होने पर समस्त साधु समाज अत्यंत आहत है, उनके मार्गदर्शन में सभी आखाड़े निरंतर उन्नति और प्रगति करते रहे हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमंत हरिगिरी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन हो जाने से अध्यात्म जगत का एक युग समाप्त हो गया है। अपनी विद्वत्ता, गरिमा तथा उच्च आचरण के धनी महाराज श्री साधु सम्मान एवं अखाड़े के मार्गदर्शक थे। श्रीमहंत महेश पुरी ने कहा कि उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर धर्म प्रचार करने तथा समाज और राष्ट्र की सेवा करना ही उनको श्रद्धांजलि होगी।

श्रद्धांजलि सभा में कोठारी महाकाल गिरी, श्रीमहंत बजरंग गिरी, थानापति राजेंद्र गिरी, श्री महंत पशुपति गिरी, श्री महंत सुरेशानंद सरस्वती, पुजारी वशिष्ठ गिरी, महंत भारतपुरी सहित कई संत एवं नागा सन्यासी आदि उपस्थित रहे। 

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