विश्व रेडक्रॉस दिवस पर वानप्रस्थ आश्रम में स्वास्थ्य शिविर, वैक्सीनेशन एवं संगोष्ठी का किया गया आयोजन, जानिए…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशन, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. कुमार खगेन्द्र सिंह के नेतृत्व एवं रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी के संयोजन में विश्व रेडक्रॉस दिवस के उपलक्ष्य पर वानप्रस्थ आश्रम हरिद्वार में स्वास्थ्य शिविर, वैक्सीनेशन एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में 2022 का थीम “Be Human Kind” (बीहयूमनकाइंड) निर्धारित किया गया। जिसके तहत रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि दया दूसरों की ओर विन्रम और विचारशील होने का गुण है। यह एक ऐसा गुण है जो हर किसी के पास होना चाहिए। यह विन्रम होने या किसी को भावनात्मक समर्थन देने के रूप में छोटे से योगदान के रूप में भी हो सकता है। सभी को आस-पास के व्यक्तियों की सहायता प्रदान करने और उनसे अच्छा व्यवहार करने के लिए धनी होने की जरूरत नही है। इन सबके लिए आपके पास सिर्फ एक अच्छे दिल एवं नेक नियत की जरूरत है। हममें से हर एक के पास दुनिया को देने के लिए कुछ न कुछ है। हमें ये समझना होगा कि ये क्या है? दया हमें आन्तरिक शान्ति एवं संतुष्टी प्रदान करती है। जो लोग समाज के लिए परोपकार का कार्य करते है और लोगों की उनके बड़े एवं छोटे कार्यों में सहायता भी करते हैं वे उन लोगों से अधिक खुश रहते हैं जो सिर्फ अपने लिए कार्य करते है। डॉ. नरेश चौधरी ने कहा कि विश्व में कोविड-19 महामारी ने समाज की सेवा करना सिखा दिया है कि प्रकृति समय-समय पर ऐसी परीक्षा लेती है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक-दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहना होगा।
रेडक्रॉस की वाईस चेयरमैन डॉ. उर्मिला पाण्डेय ने संगोष्ठी में सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि आम जनमानस को मानवीय सहायता उपलब्ध करने के लिए समाज में अपना योगदान का अवसर जरूर प्रदान करना चाहिए। युथ रेडक्रॉस प्रभारी श्रीमती पूनम ने कहा कि रेडक्रॉस एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो बिना किसी भेदभाव के युद्ध, महामारी एवं प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जनमानस की रक्षा करती है। इस संस्था का मुख्य उदेश्य विपरीत परिस्थितियों में जनसमाज के जीवन की रक्षा करना है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एच.डी. शाक्य ने रेडक्रॉस के सिद्धान्तों पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि रेडक्रॉस ने मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वयं प्रेरित सेवा, एकता एवं सार्वभौमिकता के सिद्धान्तों को आत्मसात किया है।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने भी अपने संदेश में रेडक्रॉस स्वयं सेवियों को शुभकामनायें देते हुए आवाहन किया कि रेडक्रॉस स्वयं सेवक युद्ध एवं आपदा में बढ़-चढ कर सक्रिय सहयोग करते ही हैं, लेकिन हरिद्वार रेडक्रॉस शाखा ने रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी के नेतृत्व में सम्पूर्ण कोरोना काल एवं वैक्सीनेशन में जो जनसमाज की जनसर्मप्रित सेवा की है उसकी सराहना जनपद हरिद्वार के साथ-साथ उत्तराखण्ड प्रदेश भारत देश एवं विश्व के अन्य देशों में भी की जा रही है, क्योंकि जब कोरोना काल प्रारम्भ हुआ था तो भारत के अन्य प्रदेशों के साथ-साथ विदेशी श्रद्धालु-यात्री भी धर्मनगरी हरिद्वार में उपस्थित थे। जिनकों राहत सामाग्री, स्वास्थ्य सहायता एवं उनको सुरक्षित घर पहुंचवाने की व्यवस्था में रेडक्रॉस की अग्रणी भूमिका रही।
वानप्रस्थ आश्रम के प्रधान डी.के. पाण्डेय ने रेडक्रॉस टीम का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जब कोरोना काल में कोविड-19 टेस्टिंग, स्वास्थ्य शिविर तथा वैक्सीनेशन की आवश्यकता पड़ी तब भी रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी की टीम ने वानप्रस्थ आश्रम में आकर वहां पर रहने वाले सभी व्यक्तियों को कोरोना से सुरक्षित करने में अहम भूमिका निभाई, जिसके लिये सभी वानप्रस्थ आश्रम के निवासी रेडक्रॉस स्वयं सेवकों का आभार व्यक्त करते है। वानप्रस्थ में रहने वाले सभी निवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं पात्र लाभार्थियों को कोविड-19 की बुस्टर डोज भी लगाई गई।
कार्यक्रम में डॉ. भावना जोशी, डॉ. आराधना रावत, डॉ. अंजली, डॉ. वैशाली, डॉ. हेमलता, डॉ. वर्षा, डॉ. आकांशा पवार, डॉ. आकांशा कैनथुरा, डॉ. रेणु, डॉ. दीपिका, डॉ. चारूल, ने सक्रिय सहभागिता की।