रम्माण महोत्सव में पहुंचे ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य  अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती  महाराज

५०० वर्ष के बाद ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य पहुंचे इस ऐतिहासिक महोत्सव में

सैकडों वर्षो के बाद किसी शंकराचार्य ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दी
इस महोत्सव को आयोजित करने वाले आयोजकों ने बताया कि ज्ञात इतिहास में पिछले सैकडों वर्षों मे कोई भी शंकराचार्य इस महोत्सव में सम्मिलित नही हुए , आज ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य का दर्शन और आशीर्वचन प्राप्त करके सब सम्पूर्ण क्षेत्रवासी अपने को कृतकृत्य समझ रहे हैं, शंकराचार्य जी महाराज ने कहा इस परम्परा को आगे बढाने जिस प्रकार पूर्व में ज्योतिर्मठ का सहयोग रहता था, उसी परम्परा का परिपालन करते हुए आज भी ज्योतिर्मठ इसको संरक्षित करने के लिए सदा प्रतिबध्द रहेगा ।

अपने ज्योतिर्मठ प्रवास पर पधारे परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज से मन्दिर समिति और ग्राम प्रधान के संयुक्त तत्वावधान में अनुरोध किया गया था , आज शंकराचार्य जी को यहां पाकर सभी आनन्दित हुए ।

श्रीशंकराचार्य जी महाराज ने सलूड- डुंगडा गांव के सभी लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि हमारे पूर्वज जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी महाराज द्वारा आरम्भ किया गया ये महोत्सव आपने आज तक उसी मूल रूप में जीवित रखा है ।

वेद में बताए गए धर्म को जीने के लिए भगवान ने रामावतार धारण किया और धर्माचरण करके सबको दिखाया इसलिए आज भी मर्यादापुरुषोत्तम राम का चरित्र हमारे जीवन में अत्यंत प्रासंगिक है । उसी राम के आदर्श चरित्र को सामान्य जनों के हृदय में प्रवेश कराने के लिए आदिशङ्कराचार्य जी महाराज ने इस तरह के उत्सवों की शुरुआत अपने समय में की उसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज भी हम सब रम्माण महोत्सव जैसे अवसर पर देखते हैं ।

सभा का संचालन श्री कुशल सिंह भण्डारी जी ने की पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा लिखित पुस्तक रम्माण का विमोचन किया शंकराचार्य जी महाराज के करकमलों से सम्पन्न हुआ ।

सभा में उपस्थित रहे सर्वश्री शारदानन्द ब्रह्मचारी, श्रीनिधिरव्ययानन्द सागर जी, अप्रमेयशिवसाक्षात्कृतानन्द गिरि जी, बदरीनाथ क्षेत्र के विधायक श्री लखपत सिंह बुटोला जी, नगर पालिका अध्यक्षा श्रीमति देवेश्वरी शाह, महिमानन्द उनियाल, शिवानन्द उनियाल, महादीप जी, गोविन्द सिंह जी आदि उपस्थित रहे ।

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