श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी नगर परिक्रमा करते हुए मां गंगा की पूजा-अर्चना के लिए पहुंची हर की पैड़ी…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी नगर परिक्रमा करते हुए मां गंगा की पूजा-अर्चना के लिए हर की पैड़ी पहुंची। पौराणिक माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना के पश्चात अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी, अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरी गिरी महाराज, जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, मंत्री श्रीमहंत शैलजा गिरी माता, सुमेरू पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती, पूर्व आईएएस अधिकारी मुन्नीलाल पांडे द्वारा नागा सन्यासियों और साधुओं के जत्थे के साथ पवित्र छड़ी परिक्रमा हेतु रवाना हुई।
पवित्र छड़ी दत्तात्रेय चौक, पोस्ट ऑफिस, अपर रोड होते हुए हर-हर महादेव, हर-हर बम-बम के जयघोष के साथ हर की पैड़ी पहुंची, जहां श्री गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, कोषाध्यक्ष यतींद्र सिखोला तथा वीरेंद्र कौशिक आदि ने स्वागत किया। हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड में गंगा सभा के तीर्थ पुरोहितों ने पूजा-अर्चना कर गंगा जी का अभिषेक किया तथा पवित्र छड़ी उत्तराखंड यात्रा सफलतापूर्वक समापन की प्रार्थना की।
इस मौके पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविंद्र पुरी ने कहा कि पवित्र तीर्थों की यात्रा किया जाना हमारी सनातन पुरातन परंपरा और आद्य जगद् गुरु शंकराचार्य की यात्रा के साथ यह परंपरा प्रारंभ हुई। इसके माध्यम से जहां सनातन धर्म का शास्त्रों द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाता रहा, वहीं शस्त्रो के माध्यम से विधर्मियों का संहारर किया जाता रहा। देश काल के साथ-साथ यात्रा के उद्देश्य बदलते रहे, वर्तमान में पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य राष्ट्र की रक्षा करना, देश में शांति-अमन, चैन बनाए रखने के साथ-साथ विकास की कामना भी है। छड़ी यात्रा के लिए प्रार्थना करने के साथ-साथ सनातन धर्म की रक्षा के लिए नागरिकों को जागृत करना है। जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि पवित्र छड़ी आद्यजगतगुरु शंकराचार्य की परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह पवित्र छड़ी के पावन उद्देश्यों से प्रेरणा ले और राष्ट्र समाज की सेवा के लिए जी जान से जुट जाए। उन्होंने सीमावर्ती राज्यों विशेषकर उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में वर्ग विशेष के लोगों की बढ़ती गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर रोक लगाया जाना अत्यंत आवश्यक है। पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य इसके लिए आम लोगों में जन-जागरण करना है।
गंगा पूजन में मंत्री श्रीमहंत शैलजा गिरी, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, श्रीमहंत पशुपति गिरी, महंत महाकाल गिरी, महंत हीरा भारती, श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती तथा श्रीमहंत कुशल पुरी आदि शामिल रहे।