नवम निर्वाण महोत्सव पर संत समाज ने दी ब्रह्मलीन स्वामी रामस्वरूप महाराज को श्रद्धांजलि…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। गुरुवार को देवपुरा स्थित श्री गुरूमंडलाश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप महाराज के नवम् निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज की अध्यक्षता में आयोजित संत सम्मेलन के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि महान गुरूओं की तपस्थली गुरूमंडल आश्रम ने कई विद्वान संत महापुरूष समाज को दिए हैं। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप महाराज महान तपस्वी संत थे। जिनका पूरा जीवन समाज को ज्ञान अध्यात्म की प्रेरणा देकर सद्मार्ग पर अग्रसर करने को समर्पित रहा। सभी को उनके त्यागमय जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि धर्म व अध्यात्म के महान विद्वान ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए स्वामी भगवतस्वरूप महाराज सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अहम योगदान कर रहे हैं। आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप महाराज ने कार्यक्रम में शामिल हुए सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन पूज्य गुरूदेव महामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। धर्म संस्कृति के उत्थान में उनका अहम योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप महाराज के विचार और उनकी शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुकरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज व आश्रम के ट्रस्टीयों ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया। इस
अवसर पर महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत शांतानंद, महंत प्यारा सिंह, महंत जयेंद्र मुनि, महंत गोविंद दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत हीरा सिंह, महंत शुभम गिरी, महंत देवेंद्र दास, स्वामी ज्ञानानंद, डॉ. भोला झा, डा.अरूण, डॉ. गोपाल हरी सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु जन उपस्थित रहे।