देसंविवि में आत्म विकास के संकल्प के साथ मनाया दशहरा, रामलीला मंचन में कलाकारों ने खूब बटोरी तालियां…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युंजय सभागार में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या एवं गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मण्डल प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया।
इस अवसर पर दिये अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि जिस तरह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने रावण का वध करके और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर संस्कृति की रक्षा की, उसी तरह हमारे अपने अंदर के रावण और महिषासुर यानि आसुरी वृत्ति का अंत हो और हमारे अंदर देवत्व का भाव विकसित हो, ऐसी हार्दिक शुभकामनाएं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भक्ति संगीत में समूह नृत्य के द्वारा सभी को सत्य की रक्षा और असत्य पर प्रहार करने की सीख देने सद्परामर्श दिया। इस अवसर पर गुजरात के प्रसिद्ध गरबा नृत्य ने उपस्थित लोगों को खूब आनंदित किया।
रामलीला मंचन के दौरान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि के कलाकारों के भावों एवं संवाद ने सभी को रोमांचित कर दिया। रामलीला के मंचन के बाद संस्कार एवं संस्कृति के विजय दिवस के रूप में असत्य पर सत्य की विजय के जश्न के साथ एनिमेशन विभाग द्वारा तैयार किया गया 35 फीट ऊँचे रावण के पुतले को दहन किया गया। इसके साथ ही कुंभकरण एवं मेघनाथ के पुतलों को जलाया गया। विवि के विद्यार्थियों के साथ ही देश-विदेश एवं निकटवर्ती स्थानों से आये भाई-बहिनों ने पूरे उत्साह एवं उमंग के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर देसंविवि विश्वविद्यालय को आर्कषक ढंग से सजाया गया था। अमित, अतुल, तर्पण, सुजल, अमन, अनिकेत, अमृत, सत्यम, दिव्यम, आलोक आदि कलाकारों के अभिनय को खूब सराहा गया।