देवस्थानम बोर्ड भंग होने के बाद तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की ये मांग, जानिए…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार द्वारा उत्तराखंड के चारधाम के संचालन की व्यवस्था देख रहे देवस्थानम बोर्ड को बंद किए जाने का स्वागत करते हुए तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने धार्मिक संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ई-मेल द्वारा पत्र भेजकर धर्मनगरी हरिद्वार में माँ मनसा देवी, चंडी देवी, गंगा सभा के समस्त संचालन प्रशासन की निगरानी से मुक्त कर पुरानी व्यवस्थाओं को जीवित कर उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड की भंग की प्रक्रिया में सम्मिलित किए जाने की मांग को दोहराया।

इस अवसर पर तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कि धर्मनगरी हरिद्वार में माँ चंडी देवी, माँ मनसा देवी, गंगा सभा का धार्मिक संचालन माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशन में किया जा रहा है जब सरकार द्वारा बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों को देवस्थानम बोर्ड से अविमुक्त कर भंग किया गया है तो ऐसे में उत्तराखंड सरकार की और से प्रबल इच्छा शक्ति के साथ धर्मनगरी हरिद्वार में धार्मिक स्थाओं के केंद्र माँ मनसा देवी, माँ चंडी देवी, गंगा सभा को भी प्रशासन की निगरानी से मुक्त करने के लिए धार्मिक व सांस्कृतिक अधिनियम विधिनियम में परिवर्तन किया जाना न्याय संगत होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्राचीन मठ-मंदिरों के प्रबंधक मात्र सेवादार ही होते हैं, मालिकाना हक तो उस स्थान पर वहां के अधिपति आराध्य देवी-देवताओं का ही होता है इसीलिए देवनगरी के समस्त मठ-मंदिरों को पुरानी परंपराओं के साथ संचालन के लिए स्वतंत्र किया जाना धार्मिक स्थाओं व परंपराओं को बंदिशों से मुक्त किया जाना जनहित में न्यायपूर्ण कार्य होगा।

उत्तराखंड सरकार से माँ चंडी देवी, माँ मनसा देवी, गंगा सभा को प्रशासन की निगरानी से मुक्त किए जाने की मांग करते सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों में धर्मशाला रक्षा समिति के सभापति पंडित चंद्र प्रकाश शर्मा, व्यापारी नेता राजेश खुराना, श्रमिक कल्याण परिषद के जिला महामंत्री कुंवर सिंह मंडवाल, लघु व्यापार एसोसिएशन से राजेंद्र पाल, मनोज मंडल, मैक्सी-टैक्सी यूनियन से अरुण अग्रवाल, पंडित मनीष शर्मा, जय सिंह बिष्ट, ओमप्रकाश भाटिया, प्रभात चौधरी, वीरेंद्र कुमार, कृष्ण गोपाल शर्मा चौधरी, कैलाश प्रजापति, देवेंद्र बिष्ट आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

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