देवस्थानम बोर्ड को लेकर मुख्यमंत्री और मंत्री में विरोधाभास के चलते तीर्थ पुरोहितों में रोष, मंत्री सतपाल महाराज को दी खुली बहस की चुनौती, जानिए पूरा मामला…
सुमित यशकल्याण।
रुद्रप्रयाग। देवभूमि तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज द्वारा मीडिया में देवस्थानम बोर्ड पर पुर्न विचार न किए जाने संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। महापंचायत ने सतपाल महाराज को चुनौती दी है कि वे देवस्थानम बोर्ड पर वहस के लिए समय और तिथि निर्धारित कर लें। महापंचायत इसके लिए तैयार है ।
प्रेस को जारी बयान में देवभूमि तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती ने कहा कि सरकार व भाजपा संगठन यह स्पष्ट करे कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज में किसका बयान सही माना जाए। एक ओर मुख्यमंत्री ने विश्व हिंदू परिषद की मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद सार्वजनिक बयान दिया कि देवस्थानम के तहत 51 मंदिरों को मुक्त किया जाएगा। इसके अलावा उन्होने देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने की बात भी कही थी। दूसरी ओर सतपाल महाराज ने सोमवार को मीडिया से कहा कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं किया जाएग। कहा कि राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे, आखिर चार धामों के तीर्थ पुरोहितों व हकहकूकधारियों को भ्रम की स्थिति में क्यों रख रही है। इस सब के पीछे उसके क्या राजनीतिक निहितार्थ हैं।