जूना अखाड़े की पवित्र यात्रा छड़ी पहुंची यमुनोत्री धाम…

उत्तराखण्ड / यमनोत्री / हरिद्वार। श्री पंच दश नाम जूना अखाड़े द्वारा संचालित उत्तराखंड के समस्त पौराणिक तीर्थ की यात्रा के लिए निकली पवित्र छड़ी यात्रा रविवार सवेरे पवित्र यमुनोत्री धाम पूजा-अर्चना के लिए पहुंची।
हिमालय पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वीरेंद्र आनंद गिरि, महामंडलेश्वर कंचन गिरि, श्री महंत पुष्कर राजगीरी श्री महंत पशुपति गिरी, श्री महंत कुश पुरी, महंत आकाश गिरी थानापति महंत रतन गिरी के नेतृत्व में लगभग 70 नागा संन्यासियों का जत्था हर हर बम बम महादेव का उद्घोष करते हुए पैदल यमुनोत्री धाम पहुंचा। मार्ग में श्रद्धालु तीर्थ यात्रियों व स्थानीय नागरिकों ने छड़ी यात्रा तथा साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया और पवित्र छड़ी के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया, गंगोत्री धाम पहुंचने पर यमुनोत्री मंदिर समिति तथा पुजारियों ने पवित्र छड़ी का स्वागत किया। पवित्र छड़ी को यमुना में स्नान कराने के पश्चात यमुनोत्री माता के मंदिर में वैदिक विधि विधान से पूजा-अर्चना के लिए ले जाया गया जहां विश्व कल्याण देश व प्रदेश की उन्नति विकास के लिए प्रार्थना की। इससे पूर्व 05 अक्टूबर को ऋषिकेश में तारा मंदिर से श्री महंत संध्या गिरी श्री, महंत आनंद गिरि, महंत शांति गिरी महामंडलेश्वर देव ऋषि गिरी ने छड़ी की पूजा-अर्चना कर रवाना किया। पवित्र छड़ी देर श्याम पौराणिक तीर्थ लाखामंडल पहुंची वहां मौजूद सैकड़ो श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों ने पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। पौराणिक कथाओं के अनुसार लाखामंडल का मंदिर द्वापर युग में पांडवों द्वारा स्थापित किया गया था। यह वही स्थान है जहां दुर्योधन ने पांडवों को करने के लिए लाक्षागृह बनवाया था लेकिन उसके मंत्री विदुर की चतुराई के चलते पांडवों के प्राण बच गए थे, मान्यता है कि लाखामंडल की भूमि शिवमय है। आज भी यहां खुदाई करने पर शिवलिंग निकलते हैं। पवित्र छड़ी कल उत्तरकाशी होते हुए गंगोत्री धाम के दर्शनों के लिए जाएगी।

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