उत्तराखंड के केदार खंड और मानस खंड के पौराणिक तीर्थो के भ्रमण पर रवाना हुई जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी…


हरिद्वार। सोमवार को उत्तराखंड के पौराणिक तीर्थो के भ्रमण पर रवाना हुई श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र का संतों व श्रद्धालुओं ने जगह-जगह स्वागत किया और पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी, अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज व अखाड़े के अन्य संतो ने जूना अखाड़ा स्थित मायादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना के पश्चात छड़ी को यात्रा पर रवाना किया।

श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि छड़ी यात्रा का उद्देश्य आमजन में धर्म जागरण करने के साथ देवभूमि उत्तराखंड में तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटना को बढ़ावा देना और पलायन पर रोक लगाना है। श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि छड़ी यात्रा के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति व पौराणिक तीर्थो के प्रति देश दुनिया में जिज्ञासा बढ़ी है। जिसके फलस्वरूप चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिससे सरकार को मिलने वाले राजस्व में वृद्धि के साथ लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार मिलेगा तो पलायन पर रोक लगेगी और उत्तराखंड का विकास होगा। पवित्र छड़ी यात्रा के प्रमुख जूना अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़े की चारों मढ़ियों के श्रीमहंतों की अगवाई में पवित्र छड़ी की गढ़वाल मंडल स्थित केदार खंड तथा कुमाऊं स्थित मानस खंड के समस्त पौराणिक तीर्थों की यात्रा का समापन 24 नवम्बर को मायादेवी मंदिर में होगा। भूपतवाला स्थित स्वतंत्रपुरी धाम आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष महंत केदारपुरी महाराज के संयोजन में संतों ने पवित्र छड़ी का स्वागत और पूजा-अर्चना की।

स्वच्छता के प्रति प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरित होकर यात्रा पर रवाना होने से पूर्व श्रीमहंत हरिगिरी, श्रीमहंत प्रेमगिरी, श्रीमहंत नारायण गिरी, श्रीमहंत केदारपुरी, महंत महेश पुरी, जूना अखाड़े के नवनियुक्त मंत्री रंजीतानंद गिरी, साध्वी महंत अनपूर्णा पुरी, साध्वी महंत योगेश्वर पुरी के नेतृत्व में अखाड़े के संतों ने गंगा सफाई अभियान में भाग लिया और बिरला घाट की साफ-सफाई कर श्रद्धालु भक्तों से गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अविरल बनाए रखने में सहयोग करने का आह्वान किया।
इस दौरान महामंडलेश्वर श्रीमहंत कपिल पुरी महाराज, महामंडलेश्वर श्रीमहंत कमल पुरी महाराज, महंत महेश पुरी, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि, महंत पवनपुरी, महंत राम गिरी, महंत गर्व गिरी आदि मौजूद रहे।

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