पतंजलि योगपीठ में मनाया गया देश का 76वाँ गणतंत्र दिवस…

हरिद्वार। रविवार को पतंजलि वेलनेस, फेस-02 में स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने ध्वजारोहण कर सभी देशवासियों को देश के 76वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि आज भारत राजनैतिक दृष्टि से तो आजाद है, 78 वर्ष हमारे स्वाधीनता के हो गए, 76वें गणतंत्र दिवस में हम प्रवेश कर गए। आर्थिक, शिक्षा, चिकित्सा, सांस्कृतिक व सब प्रकार की कुंठाओं, ग्लानि से आजादी अभी शेष है।
उपनिवेशवाद की यह प्राचीन लूट जो पहले तलवार के बल पर होती थी वह आज व्यापार के बल पर आज भी मल्टीनेशनल कम्पनियों के माध्यम से उपभोक्तावाद के रूप में जारी है। हमें स्वदेशी का अभियान चलाकर कंज्यूमर नहीं क्रिएटर बनना है। आज पूरी दुनिया के 10 प्रतिशत लोगों के हाथों में पूरी दुनिया की 90 प्रतिशत दौलत है।

भारत का समृृद्धशाली वैभव- स्वामी रामदेव ने कहा कि दाओस में आयोजित वर्ल्ड इकानॉमिक फोरम में यू.के. की एक विश्व प्रसिद्ध संस्था ऑक्सफैम इंटरनेशनल द्वारा अंग्रेजों की भारत पर लूट के बारे में ‘टेकर्स नॉट मेकर्स शीर्षक’ से एक जारी रिपोर्ट में कई अध्ययनों व शोध पत्रें का हवाला देते हुए कहा गया कि अंग्रेजों ने 1765 से लेकर 1900 के बीच मात्र 135 सालों में अंग्रेजों ने 64.82 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर्स भारत से लूटे थे, जो भारतीय रूपयों में 5611 लाख करोड़ रुपए अर्थात विश्व के 05 बड़े देशों की अर्थव्यवस्था से भी अधिक है। भारत जो कभी सोने की चिड़िया कहलाता था उसको अंग्रेजों ने इतनी बेदर्दी से लूटा कि भारत जिसका औद्योगिक उत्पादन हजारों वर्षों की विदेशी आक्रमणकारियों की लूट के बाद भी औरंगजेब के शासनकाल के समय 17वीं शताब्दी में वैश्विक उत्पादन में 25 प्रतिशत था वह 19वीं शताब्दी में मात्र 2 प्रतिशत रह गया।

500 साल पहले भारत की अर्थव्यवस्था का आकार- अंग्रेजों से पहले अरबी, अफगानी, पठानी, दुर्रानी, इरानी, मंगोल, पुर्तगालियों, डचों, फ्रांसिसी एवं मुगलों की लूट का आंकड़ा इसमें सम्मिलित नहीं है। 1000 वर्षों की लूट को यदि औसत रूप में भी देखें तो यह कम से कम 100 ट्रिलियन से ऊपर होगी। देश की सकल अर्थव्यवस्था के आकार की दृष्टि से यदि लूट को 25% माने तो भारत की कुल अर्थव्यवस्था 500 साल पहले अनुमानित 500 ट्रिलियन रही होगी। ऑक्सफैम के अनुसार अंग्रेजों ने दमनकारी नीतियाँ बनाकर भारत के घरेलू उद्योग धंधों को बर्बाद कर दिया।

उपनिवेशवाद के कारण आर्थिक असमानता- ऑक्सफैम की रिपोर्ट कहती है कि एतिहासिक उपनिवेशवाद के समय जो असामानता व लूट का चलन था वही वर्तमान समय में चल रहा है। ग्लोबल साउथ जिसमें एशिया, अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका के विकासशील देशों से धन का दोहन ग्लोबल नॉर्थ जिसमें अमेरिका, यूरोप के विकसित देशों के अमीर लोग उठा रहे हैं।

उपनिवेशवाद के जहरीले पेड़ के फल- स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि 1765 से 1900 के बीच लूटी गई 64.82 ट्रिलियन में से भारत से 33.8 ट्रिलियन डॉलर की सम्पत्ति ब्रिटेन के सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों के पास गई। यह इतनी बड़ी राशि थी जिसके यदि 50-50 पाउण्ड के नोट से कालीन बनाया जाए तो पूरे लंदन के 1572 स्क्वेयर किमी. को चार बार ढ़का जा सकता है। उसके बाद एक बड़ी राशि ब्रिटेन के उच्च मध्यम वर्ग के अधिकारियों, बैंकर्स व इंवेस्टर्स को लूट में से प्राप्त हुई। ऑक्सफैम का कहना है अंग्रेजों ने अफीम के नशे को मुनाफे के लिए प्रचारित किया, उद्योग धंधों को नष्ट करके बाजार पर कब्जा करके, बौद्धिक सम्पदा पर एकाधिकार करके, संसाधनों पर कब्जा करके, दास प्रथा, बाल मजदूरी, पूरी दुनिया में नस्लवाद, जातिवाद, लिंगभेद फैलाया जिसके कारण गरीबी, भुखमरी, अकाल, सूखा व अपराध बढ़े। बाजार पर एकाधिकार के कारण कॉविड जैसी महामारी में गरीब देशों को दवाइयाँ नहीं मिली। इस धन से जो बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ पैदा हुई उन्होंने डब्ल्यू.टी.ओ., आई.एम.एफ., वर्ल्ड बैंक आदि वैश्विक संस्थाओं के माध्यम से विदेशी कर्ज, ग्लोबलाइजेशन के नाम पर कानून बनाकर ग्लोबल साउथ का जमकर शोषण किया, जो आज भी जारी है। आज भी असमानता के रूप में वर्ल्ड बैंक में एक औसत बैल्जियन को इथोपियन की तुलना में 180 गुणा अधिक मतदान की शक्ति प्राप्त है।

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उपनिवेशवादी लूट व अत्याचार के लिए विभिन्न देशों द्वारा माफी मांगी गई व हर्जाने/जुर्माने व क्षतिपूर्ति गई। इसके उदाहरण के रूप में बेल्जियम ने अपने अधीन रहने वाले कांगो, रवांडा और बुरुंडी आदि देशों से, जर्मनी ने नामिबिया में, इटली ने लीबिया में अपने औपनिवेशिक शासन के अन्याय पर सार्वजनिक माफी मांगी तथा क्षतिपूर्ति दी। उसी प्रकार हमें भी ब्रिटेन से देश की 5611 लाख करोड़ रुपए की लूट को वापस लेना है तथा आगे की लूट से देश को बचाना है।
स्वामी रामदेव महाराज ने गणतंत्र दिवस पर हमारा संकल्प है कि इस लूट के लिए हम हाऊस ऑफ कॉमन्स, ब्रिटेन से माफी मंगवाएँगे। आज हम आह्वान करने वाले हैं सब भारतवासियों से, आज हम भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनामी बनाने का संकल्प लेते हैं देश के लगभग 150 करोड़ देशवासी जब सृजन में लगेंगे तो 05 ट्रिलियन नहीं पहले 50 और फिर 500 ट्रिलियन इकॉनामी वाला भारत बनेगा।

हमारा संकल्प है पहले जो लूट लिया, उसको लौटाने के लिए पूरे देश में एक आंदोलन चलाना है। भारत के एक-एक व्यक्ति के गौरव व स्वाभिमान को जगाकर इस लूट व अत्याचार के जिम्मेदार ब्रिटेन की सरकार, ब्रिटिश संसद व वहाँ के लुटेरे राजाओं के वंशजों पर वैधानिक व वैचारिक दबाव बनाकर लूट का धन वापस लेना है तथा भारत पर किए अत्याचारों के लिए अंग्रेजों से सार्वजनिक माफी मंगवाने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाना है। सभी राष्ट्रवासियों से आह्वान है कि ऑक्सफैम की वेबसाइट पर जाकर इस रिपोर्ट का अवलोकन करके ब्रिटिश संसद हाऊस ऑफ कॉमन्स को ई-मेल करके लूट वापसी व माफी मांगने का अभियान चलाएँ।

कार्यक्रम में पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने देशभक्ति से ओतप्रेात प्रस्तुतियाँ दीं। पूरा वातावरण वन्दे मातरम् व भारत माता की जय के नारों से गुंजायमान हो उठा।

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